भारत ने पाकिस्तान को लोकतंत्र और झूठी अफवाहों पर घेरा: "लोकतंत्र पर पाकिस्तान को आश्चर्य हो सकता है" विदेश सचिव विक्रम मिस्री का पाकिस्‍तान पर तंज

लोकतंत्र पर पाकिस्तान को आश्चर्य हो सकता है विदेश सचिव विक्रम मिस्री का पाकिस्‍तान पर तंज
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नई दिल्‍ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के बीच भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान को तीखा जवाब दिया है। प्रेस ब्रीफिंग में मिस्री ने पाकिस्तान की सेना पर सीधा तंज कसते हुए कहा कि भारत में नागरिकों द्वारा सरकार की आलोचना करना लोकतंत्र का प्रतीक है – जो शायद पाकिस्तान के लिए एक आश्चर्य की बात हो सकती है।

मिस्री ने कहा, “पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता को इस बात से खुशी मिलती दिख रही है कि भारतीय नागरिक अपनी सरकार की आलोचना करते हैं। लेकिन यह लोकतंत्र का हिस्सा है, जहां नागरिकों को बोलने की आजादी होती है। पाकिस्तानियों को यह देखकर आश्चर्य हो सकता है कि नागरिक अपनी ही सरकार की आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि यह खुले और क्रियाशील लोकतंत्र की पहचान है। पाकिस्तान का इससे अनभिज्ञ होना आश्चर्यजनक नहीं होना चाहिए"

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने हालिया सैन्य घटनाक्रम पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने “तेज़ और संतुलित प्रिसिजन स्ट्राइक” को अंजाम दिया, जिसका उद्देश्य केवल "चिन्हित सैन्य ठिकाने" थे। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठे दावों का भी खंडन किया, जिनमें भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और सिरसा व सूरतगढ़ एयरबेस के विनाश की बात कही जा रही थी। उन्होंने कहा, “भारत इन झूठे और भ्रामक दावों को सिरे से खारिज करता है। यह पाकिस्तान की दुष्प्रचार मुहिम का हिस्सा है।”

कर्नल सोफिया कुरैशी का बड़ा खुलासा

भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान की कार्रवाई को “निंदनीय और गैर-पेशेवर” बताया। उन्होंने खुलासा किया कि पाकिस्तान ने श्रीनगर, अवंतीपुर और उधमपुर स्थित वायुसेना ठिकानों पर हमले में वहां मौजूद अस्पतालों और स्कूल परिसरों को निशाना बनाया।

कर्नल सोफिया ने कहा, “यह पाकिस्तान की नागरिक बुनियादी ढांचे पर हमला करने की गैर-जिम्मेदार प्रवृत्ति को दर्शाता है। यह कोई पहली बार नहीं है, पाकिस्तान बार-बार इस तरह की हरकतें करता आया है।”

कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, "यह चिंता की बात है कि लाहौर से उड़ान भरने वाले नागरिक विमानों की आड़ में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय हवाई मार्गों का दुरुपयोग किया। ताकि वे अपनी गतिविधियों को छिपा सकें। ऐसी रणनीति ने भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए बहुत धैर्य के साथ काम करने के लिए मजबूर किया..."

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