पहलगाम आतंकी हमला: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शुरू किया कलमा सीखना, बोले - पता नहीं कब जरूरत पड़ जाए

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे
नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का एक ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से ट्वीट करते हुए बताया कि, वे आज कल कलमा पढ़ना सीख रहे हैं।
निशिकांत दुबे ने कहा, "अशहदु अल्लाह इल्लाह इल्लल्लाहु वह दहु ला शरी-क लहू व अशदुहु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु।" आजकल कलमा सीख रहा हूँ,पता नहीं कब जरुरत पड़े।
दरअसल जम्मू - कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद यह जानकारी सामने आई कि, आतंकियों के द्वारा लोगों से कलमा पढ़ने को कहा गया था। आतंकियों ने वहां मौजूद पर्यटकों से उनका धर्म पूछा इसके बाद जब उन्होंने खुद को गैर मुस्लिम बताया तो उन्हें गोलियों से भून दिया गया। महिलाओं और बच्चों के सामने उनके पिता और पति को गोलियों मार दी गई। जिन पर्यटकों ने जोर - जोर से कलमा पढ़ा उन्हें आतंकियों ने जाने दिया।
बता दें कि, पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की जान गई। मरने वालों में सभी पुरुष थे। मृतकों के परिजनों ने भी यह बात बताई थी कि, आतंकियों ने पहले उनसे उनका धर्म पूछा और बाद में कलमा पढ़ने को कहा। जब कलमा नहीं पढ़ पाए तो आतंकियों गोली मारी और आगे बढ़ गए।
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने निम्नलिखित निर्णय लिए-
1) 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।
2) एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।
3) पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना (SVES) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SVES वीजा को रद्द माना जाएगा। SVES वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।
4) नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।
5) भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा। 1 मई 2025 तक आगे की कटौती के माध्यम से उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर दिया जाएगा।