भारत के सिन्दूर का प्रहार: मसूद अजहर के एक- एक कुकर्म का बदला, यूंही नहीं मरकज सुभान अल्लाह को बनाया निशाना

Who is Masood Azhar : नई दिल्ली। भारत की ऐतिहासिक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई 2025 की रात अंजाम दिया है। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जिसके तार बड़े आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े हैं। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर है। भारत ने इस बार आतंक के गढ़ में घुसकर मसूद अजहर के सभी कुकर्मों का हिसाब चुकता किया है। इस ऑपरेशन का सबसे बड़ा निशाना था बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह जैश का मुख्यालय।
मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्य ढेर
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के बहावलपुर स्थित ठिकाने पर एयर स्ट्राइक कर उसके परिवार के 10 सदस्यों को ढेर कर दिया। मसूद अजहर ने एक बयान जारी कर 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है। यह हमला बुधवार तड़के करीब 1- 2 बजे के बीच बजे हुआ, जब अजहर के घर के सभी सदस्य सो रहे थे। इस हमले को लेकर अब तक भारत की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
मृतकों में अजहर की बड़ी बहन, शहीद बाजी सादिया अपने पति और चार बच्चों के साथ, मौलाना कशफ का पूरा परिवार, और मुफ्ती अब्दुल रऊफ के पोते शामिल हैं। बताया जा रहा है कि हमले के समय मसूद अजहर खुद घर पर मौजूद नहीं था, लेकिन उसका पूरा परिवार उसी मकान में रह रहा था।
IC-814 के अपहरण के बाद हुई थी रिहाई
मसूद अजहर को 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान IC-814 (कंधार हाईजैक) के अपहरण के बाद रिहा करने के बाद भारत को कई गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ा। मसूद अजहर, जो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का संस्थापक और सरगना है, ने अपनी रिहाई के बाद भारत के खिलाफ कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया। आइये जानते हैं भारत में हुए किन-किन हमलों में मसूद अजहर रहा शामिल...।
कौन है मसूद अज़हर?
मसूद अज़हर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी है, जो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का संस्थापक और नेता है, जो पुलवामा आतंकी हमले के लिए ज़िम्मेदार था, जिसमें 40 भारतीय सैनिक मारे गए थे, जिससे पड़ोसी देश युद्ध के कगार पर पहुँच गए थे।
अज़हर का जन्म 1968 में बहावलपुर में हुआ था और उसे कक्षा 8 की परीक्षा पूरी करने के बाद कराची के एक मदरसे में भेज दिया गया था। मदरसा पाकिस्तानी जिहादी समूहों से संबद्ध था, जहाँ से अज़हर ने 1989 में स्नातक किया था। वह सोवियत-अफ़गान युद्ध में शामिल हो गया और हरकत-उल-मुजाहिदीन के लिए लड़ने के लिए भी भर्ती हुआ, लेकिन "कमज़ोर शरीर" के कारण अपना प्रशिक्षण पूरा करने में विफल रहा।
जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद बढ़ने के साथ ही अज़हर को दो जिहादी समूहों - हरकत-उल-जिहाद इस्लामी और हरकत-उल-मुजाहिदीन को हरकत-उल-अंसार (एचयूए) में विलय करने का काम सौंपा गया। वह समूह का महासचिव बन गया और उसने यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों से अपने अनुयायियों की भर्ती की।
अब जानते हैं भारत के किन आतंकी हमलों के पीछे रहा मसूद अजहर का हाथ
जैश-ए-मोहम्मद का गठन और आतंकी गतिविधियों में वृद्धि:
कंधार हाईजैक से रिहाई के बाद मसूद अजहर ने साल 2000 में पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की, जो अल-कायदा और तालिबान से जुड़ा एक खूंखार आतंकी संगठन है। इस संगठन ने भारत में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया, जिससे देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हुआ।
2001 में भारतीय संसद पर हमला:
जैश-ए-मोहम्मद ने 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हमला किया, जिसमें 9 लोग मारे गए, जिनमें सुरक्षाकर्मी और संसद कर्मचारी शामिल थे। यह हमला भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा आघात था और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ाने वाला साबित हुआ।
2016 में पठानकोट एयरबेस हमला:
जनवरी 2016 में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला किया, जिसमें 7 भारतीय सैनिक शहीद हुए। इस हमले ने भारत की सैन्य तैयारियों पर सवाल उठाए और राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती दी।
2019 में पुलवामा हमला:
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हुए। यह भारत में हुए सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक था, जिसके बाद भारत ने बालाकोट में हवाई हमले कर जैश के ठिकानों को नष्ट किया।
2005 में अयोध्या हमला:
जैश-ए-मोहम्मद ने 2005 में अयोध्या में राम जन्मभूमि पर हमला किया, जिसे भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया, लेकिन इसने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दीं।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा:
मसूद अजहर ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए जैश के नेटवर्क का विस्तार किया। उसने युवाओं को भड़काने और आतंकी प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से कश्मीर में उग्रवाद को हवा दी।
इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद ने 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला (38 लोगों की मौत) और बीएसएफ कैंपों सहित कई अन्य सुरक्षा ठिकानों पर हमले किए। इन हमलों ने भारत की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश की।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पर असर:
मसूद अजहर की रिहाई को कई बार भारत की मजबूरी के रूप में देखा गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आतंकवाद विरोधी नीतियों पर सवाल उठाए। हालांकि, भारत ने बाद में मसूद अजहर को मई 2019 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करवाकर अपनी स्थिति मजबूत की।
भारत पर हुए विभिन्न आतंकी हमलों के कारण भारत को आर्थिक नुकसान (सुरक्षा खर्च, बुनियादी ढांचे को नुकसान) और सामाजिक अस्थिरता (आतंक के कारण जनता में डर) का सामना करना पड़ा। विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गंभीर क्षति पहुंची।
