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कार्यसमिति की बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं राहुल गांधी

कार्यसमिति की बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं राहुल गांधी
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में भाजपा से मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस आज पार्टी की कार्यसमिति की बैठक कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी स्वीकार की है। माना जा रहा है कि आज की इस अहम बैठक में राहुल गांधी इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। 2014 के बाद यह दूसरा मौका है जब पार्टी को इतनी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। शुक्रवार को भी पार्टी प्रांगण में छुट्टी जैसा माहौल रहा। पार्टी पदाधिकारियों के कमरों में ताले लगे रहे। नेताओं की आवाजाही पर एक तरह से विराम लग गया है। गुरूवार को आए नतीजों के बाद पार्टी मुख्यालय बेजान और वीरान सा लगने लगा है। छह महीने पहले तीन राज्यों में मिली चुनावी सफलता से पार्टी में उम्मीद की किरण जगी थी लेकिन मोदी सूनामी ने उस उम्मीद पर जैसे पानी फेर दिया है।

कार्यसमिति की बैठक में चुनाव से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा के अलावा हार के कारणों पर विचार किया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष खुद अमेठी से चुनाव हार गए। वायनाड से भले ही वे काफी अंतर से जीते हों पर हिन्दी बेल्ट में उनकी हार से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। चुनाव से ठीक पहले प्रियंका वाड्रा को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाना क्या तर्क संगत निर्णय था? अगर हां! तो फिर इस निर्णय से क्या मंतव्य सधा? प्रियंका के रहते समूचे उत्तर भारत में पार्टी हाशिए पर चली गई। देश के संपूर्ण भू-भाग पर पार्टी का प्रदर्शन देखें तो पार्टी के कई दिग्गज चुनाव हार गए। नौ पूर्व मुख्यमंत्रियों की हार ने पार्टी को एक तरह से सदमे में ला दिया। 17 राज्यों में इस बार उसका खाता भी न खुल पाया। इस करारी हार का आलम यह है कि कांग्रेस को लोकसभा में अब विपक्ष का दर्जा मिलने से भी वंचित होना पड़ रहा है।

पार्टी अपने प्रदर्शन में कामयाब नहीं हो पा रही है। इसके लिए क्या मौजूदा नेतृत्व जिम्मेदार है? क्या पार्टी को नए चेहरे की जरूरत है? नया नेतृत्व इस मुख्यालय में जान डाल सकता है? इस तरह के कुछ सवाल अंदर ही अंदर उठ रहे हैं। हालांकि पार्टी मुख्यालय में बैठे कुछ पदाधिकारी इस राय से इत्तेफाक नहीं रखते। इनका मानना है कि पार्टी राहुल गांधी के प्रति वफादार है और कार्यसमिति उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं करेगी।कार्यसमिति की बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं राहुल गांधी

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में भाजपा से मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस आज पार्टी की कार्यसमिति की बैठक कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी स्वीकार की है। माना जा रहा है कि आज की इस अहम बैठक में राहुल गांधी इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। 2014 के बाद यह दूसरा मौका है जब पार्टी को इतनी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। शुक्रवार को भी पार्टी प्रांगण में छुट्टी जैसा माहौल रहा। पार्टी पदाधिकारियों के कमरों में ताले लगे रहे। नेताओं की आवाजाही पर एक तरह से विराम लग गया है। गुरूवार को आए नतीजों के बाद पार्टी मुख्यालय बेजान और वीरान सा लगने लगा है। छह महीने पहले तीन राज्यों में मिली चुनावी सफलता से पार्टी में उम्मीद की किरण जगी थी लेकिन मोदी सूनामी ने उस उम्मीद पर जैसे पानी फेर दिया है।

कार्यसमिति की बैठक में चुनाव से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा के अलावा हार के कारणों पर विचार किया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष खुद अमेठी से चुनाव हार गए। वायनाड से भले ही वे काफी अंतर से जीते हों पर हिन्दी बेल्ट में उनकी हार से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। चुनाव से ठीक पहले प्रियंका वाड्रा को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाना क्या तर्क संगत निर्णय था? अगर हां! तो फिर इस निर्णय से क्या मंतव्य सधा? प्रियंका के रहते समूचे उत्तर भारत में पार्टी हाशिए पर चली गई। देश के संपूर्ण भू-भाग पर पार्टी का प्रदर्शन देखें तो पार्टी के कई दिग्गज चुनाव हार गए। नौ पूर्व मुख्यमंत्रियों की हार ने पार्टी को एक तरह से सदमे में ला दिया। 17 राज्यों में इस बार उसका खाता भी न खुल पाया। इस करारी हार का आलम यह है कि कांग्रेस को लोकसभा में अब विपक्ष का दर्जा मिलने से भी वंचित होना पड़ रहा है।

पार्टी अपने प्रदर्शन में कामयाब नहीं हो पा रही है। इसके लिए क्या मौजूदा नेतृत्व जिम्मेदार है? क्या पार्टी को नए चेहरे की जरूरत है? नया नेतृत्व इस मुख्यालय में जान डाल सकता है? इस तरह के कुछ सवाल अंदर ही अंदर उठ रहे हैं। हालांकि पार्टी मुख्यालय में बैठे कुछ पदाधिकारी इस राय से इत्तेफाक नहीं रखते। इनका मानना है कि पार्टी राहुल गांधी के प्रति वफादार है और कार्यसमिति उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं करेगी।

Updated : 24 May 2019 4:00 PM GMT
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स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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