KV Viswanathan: भारत के सबसे अमीर जज केवी विश्वनाथन, 120 करोड़ की इन्वेस्टमेंट के साथ टॉप पर

KV Vishwanathan is the richest judge of India : नई दिल्ली। भारत के सबसे अमीर व्यक्ति, नेता, माहिला और बिजनसमैन के बाद अब भारत के सबसे अमीर जज का नाम भी सामने आ गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी की गई जानकारी में पता चला है कि, सीनियर एडवोकेट से जज बने केवी विश्वनाथन भारत के सबसे अमीर जज हैं। उनकी संपत्ति और आयकर का भुगतान का आंकड़ा जानकर हर कोई हैरान है। भारत के सबसे अमीर जज के पास कितनी संपत्ति है यह जानने के लिए पढ़िए यह पूरी खबर।
सबसे अमीर जज की अचल संपत्ति :
जानकारी न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन के पास कई अचल संपत्तियां हैं। इनमें शामिल है :
- 2010 में खरीदा गया सफदरजंग विकास क्षेत्र, नई दिल्ली (बीके सी5 300 वर्ग गज प्लॉट) में एक बिल्डर फ्लोर
-2014 में खरीदा गया सफदरजंग विकास क्षेत्र (बीके सी5 300 वर्ग गज प्लॉट) में दूसरी मंजिल पर एक और बिल्डर फ्लोर,
-2016 में खरीदा गया गुलमोहर पार्क, नई दिल्ली में सफदरजंग विकास क्षेत्र (जीएफ/डी ब्लॉक 300 वर्ग गज प्लॉट) में एक संयुक्त स्वामित्व (पत्नी के साथ 50% शेयर) बिल्डर फ्लोर
-2019 में खरीदा गया रेस कोर्स रोड, कोयंबटूर (तमिलनाडु) में 2000 वर्ग फुट का एक अपार्टमेंट है।
-ब्लॉक सी-4, सफदरजंग डेवलपमेंट एरिया, नई दिल्ली में, जिसमें उनके दिवंगत पिता की संपत्ति (लगभग 900 वर्ग फीट) का 50% हिस्सा विरासत में मिला है। आश्रित बच्चे के लिए कोई अचल संपत्ति सूचीबद्ध नहीं है।
केवी विश्वनाथन ने यहां किया निवेश :
न्यायमूर्ति विश्वनाथन के पास भारतीय रिजर्व बैंक की एलआरएस योजना के तहत लगभग 120,69,90,918 (यूएसडी में: $5,00,000) हैं। उनकी जीवनसाथी, जो वित्त वर्ष 2009-2010 से करदाता हैं, के पास उसी योजना के तहत लगभग 64,43,87,133 रुपए (विरासत में मिले शेयरों सहित) हैं। उनके आश्रित बच्चे के पास लगभग 1,31,71,097 रुपए हैं।
न्यायमूर्ति विश्वनाथन की चल संपत्ति :
चल संपत्ति में, न्यायमूर्ति विश्वनाथन के पास लगभग 250 ग्राम आभूषण (प्राप्त उपहारों सहित) और 2017 में खरीदी गई एक टोयोटा हाइब्रिड कैमरी कार है। उनकी पत्नी के पास लगभग 850 ग्राम आभूषण (माता-पिता से प्राप्त उपहार और विरासत सहित) हैं। आश्रित बच्चे के पास लगभग 350 ग्राम आभूषण हैं। इसके अतिरिक्त, न्यायमूर्ति विश्वनाथन के पास 2017 में खरीदी गई एक टोयोटा एल्टिस कार है। न्यायमूर्ति विश्वनाथन, उनकी पत्नी या बच्चे के लिए कोई देनदारियों की सूचना नहीं है।
15 साल में दिया 91,47,76,013 रुपए का टैक्स :
28 अप्रैल 2009 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित और 19 मई 2023 को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने आयकर का भुगतान किया है।
2010-2011 - ₹30,69,648
2011-2012- ₹ 56,09,810
2012-2013- ₹1,19,34,400
2013-2014- ₹1,78,74,550
2014-2015- ₹1,23,74,728
2015-2016 - ₹3,20,08,916
2016-2017- ₹4,22,47,511
2017-2018- ₹6,13,55,944
2018-2019- ₹ 5,85,94,194
2019-2020- ₹ 8,10,41,868
2020-2021- ₹ 13,09,01,123
2021-2022- ₹ 12,21,92,485
2022-2023- ₹ 9,36,44,560
2023-2024 - ₹ 17,48,53,585
2024-2025 - ₹ 6,70,72,691
इस इन वर्षों में चुकाया गया कुल आयकर 91,47,76,013 है।
जज केवी विश्वनाथन कौन हैं :
केवी विश्वनाथन का जन्म 26 मई 1966 को हुआ था। उनके पिता का नाम केवी वेंकटरमन और माता का नाम ललिता वेंकटरमन है। उनका विवाह जयश्री विश्वनाथन से हुआ था। उनकी दो पुत्रियां है। उनकी स्कूलिंग अरोकिआमाथा मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल, पोलाची; सैनिक स्कूल अमरावतीनगर और सेंट जोसेफ हायर सेकेंडरी स्कूल, ऊटी में हुई।
केवी विश्वनाथन ने पांच वर्षीय विधि पाठ्यक्रम (1983-1988) के प्रथम बैच के भाग के रूप में कोयंबटूर लॉ कॉलेज, भारथिअर विश्वविद्यालय, कोयंबटूर से प्रथम रैंक के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की तथा विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वे 28 अक्टूबर 1988 को तमिलनाडु बार काउंसिल की सूची में अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए और बाद में दिल्ली बार काउंसिल की सूची में स्थानांतरित हुए।
1983 से 1988 के बीच कॉलेज के दिनों में कोम्बेटोर में अग्रणी आपराधिक वकील स्वर्गीय केए रामचंद्रन के चैंबर में उपस्थित रहे। इसके बाद उन्होंने नवंबर, 1988 से नई दिल्ली में वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सीएस वैद्यनाथन के चैंबर में काम किया। सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय और दिल्ली में विभिन्न अधीनस्थ न्यायालयों और न्यायाधिकरणों के समक्ष महत्वपूर्ण मामलों में उनकी सहायता की।
केवी विश्वनाथन ने नवंबर, 1990 से जून, 1995 तक भारत के वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के साथ काम किया तथा सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में महत्वपूर्ण मामलों में उनके साथ पेश हुए।
जून 2002 में बोस्टन, मैसाचुसेट्स के हार्वर्ड लॉ स्कूल में वकीलों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। 28 अप्रैल 2009 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्ण न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया।
इसके बाद वे 26 अगस्त 2013 को भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किये गये तथा मई 2014 तक इस पद पर रहे। 19 मई, 2023 को वे बार से सीधे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए।