मोदी सरकार के ड्रोन तकनीक के बढ़ावे ने किया कमाल: अंतरराष्ट्रीय एंटी ड्रोन बाजार में अमेरिका, इजरायल की बराबरी पर आया भारत…

दीपक उपाध्याय, नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा ड्रोन इंडस्ट्री को दिए गए बढ़ावे ने अंतरराष्ट्रीय एंटी ड्रोन बाजार में भारत का नाम अमेरिका, इजरायल की बराबरी पर ला दिया है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने सीमापार से सैकड़ों की संख्या में ड्रोन से हमला किया था, जिसमें तुर्की से लेकर चीन के ड्रोन शामिल थे, लेकिन जिस तरह से भारतीय सेना ने इन ड्रोन को हवा में ही मार गिराया, उससे तकनीकी स्तर पर भारतीय एंटी ड्रोन तकनीक की दुनियाभर में वाहवाही हो रही है।
सेना के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि हमने जिस तरह से उनके बड़े -बड़े नाम वाले ड्रोन गिराए हैं, उसने भारत की तकनीक का नाम बहुत ऊंचा कर दिया है। लड़ाई में बेहतर तकनीक बहुत बड़ा रोल निभाती है, हमने अधिकांश 'ड्रोन सॉफ्ट किल’ से ही गिरा दिए। बता दें कि एंटी ड्रोन सिस्टम दो तरीके से काम करता है, पहला 'हार्ड किल’ यानि जब ड्रोन दिखता है तो उसे गोली, स्नाइपर, एंटी गन से मारा जाता है।
इसमें काफी गोलियां और दूसरे हथियार खर्च होते हैं, लेकिन दूसरे तरीके में इन ड्रोन के ऑपरेटिंग सिस्टम को ही जाम कर दिया जाता है या इन ड्रोन के की बैटरी को खराब कर दिया जाता है। भारत ने इस तरीके में महारत हासिल कर ली है। खासकर के डीआरडीओ का डी4 सिस्टम इन ड्रोन को गिराने में बहुत ही सफल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 में ड्रोन तकनीक को बताया था गेम चेंजर
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रोन तकनीक को लेकर काफी रुचि शुरु से ही दिखाई थी, उन्होंने राजधानी दिल्ली में ड्रोन महोत्सव मनाया था और एक साथ हजारों ड्रोन उड़ाने का एक आयोजन भी किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 में कहा था कि ड्रोन तकनीक गेम चेंजर होगी। इसके बाद से ही सरकार ने ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया था, इसी वजह से बड़ी संख्या में छोटी छोटी ड्रोन कंपनियां भारत में पनपने लगी और बहुत सारी कंपनियों ने इस तरह के सिस्टम विकसित कर लिए हैं, जोकि फिलहाल भारतीय सेना के बहुत काम आ रहे हैं।
प्रमुख स्वदेशी ड्रोन कंपनियां
- एल्फा डिजाइन टेक्नॉलॉजी
- अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस
- आइडियाफोर्ज
- पारस एयरोस्पेस
- सागर डिफेंस