Shashi Tharoor: शशि थरूर और कांग्रेस में बढ़ती दूरियां! तीखे बयान और पलटवार से राजनीतिक कयासों का बाजार गरमाया

Shashi Tharoor
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर इस समय चर्चा का विषय बन गए हैं। विदेशी धरती पर जिस तरह वे भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं उसकी सराहना पूरे देश में हो रही है। इस बीच कुछ कांग्रेस नेताओं ने शशि थरूर के बयानों को लेकर नाराजगी और मतभिन्नता दिखाई है। नाराजगी और तीखे बयान का प्रदर्शन सोशल मीडिया पर खुले आम किया जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच इस तरह की खुली बहस से तमाम राजनीतिक कयासों का बाजार गरमाया हुआ है।
दरअसल, शशि थरूर का नाम विदेश जाने वाले डेलिगेशन में देखकर कांग्रेस पहले ही हैरान थी। अपनी हैरानी का प्रदर्शन भी कांग्रेस ने खुल्लमखुल्ला किया। कांग्रेस ने जिन नेताओं का नाम डेलिगेशन के लिए भेजा था सरकार ने उसके अलावा शशि थरूर का नाम भी डेलिगेशन में शामिल किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसे लेकर नाराजगी भी जताई थी।
भाजपा और कांग्रेस के बीच स्ट्राइक को लेकर बहस :
अब भाजपा और कांग्रेस के बीच स्ट्राइक को लेकर बहस चल रही है। कांग्रेस का आरोप है कि, सरकार ऑपरेशन सिंदूर से राजनीतिक फायदा लेना चाहती है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि, UPA सरकार के समय भी स्ट्राइक हुई लेकिन सरकार ने कभी उसका राजनीतिक लाभ नहीं लिया।
कांग्रेस नेता उदित राज ने एक्स पर कहा है कि, 'कांग्रेस सरकार ने 6 बार सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान पर किया। उसका क्रेडिट कांग्रेस पार्टी ने ख़ुद नहीं लिया और सेना का पराक्रम और शौर्य उसी के पास रहा और होना भी चाहिए। सेना ने शानदार ऑपरेशन सिंदूर किया, उसे सलाम। बीजेपी ने कौन सा सर्जिकल स्ट्राइक किया जिसका प्रचार का रही है। सेना का सम्मान कांग्रेस को करना आता है, बीजीपी सेना का सम्मान और क्रेडिट कैसे ले सकती है ? सेना का अपमान बर्दास्त नहीं करेंगे।'
काश भाजपा आपको सुपर प्रवक्ता घोषित कर दें - उदित राज
इसके पहले 28 मई को कांग्रेस नेता उदित राज ने एक्स पर शशि थरूर को टैग करते हुए कहा - 'मेरे प्रिय शशि थरूर...काश! मैं प्रधानमंत्री मोदी को मना सकता था कि वे आपको भाजपा का सुपर प्रवक्ता घोषित कर दें, यहां तक कि भारत आने से पहले ही विदेश मंत्री घोषित कर दें। आप कांग्रेस के स्वर्णिम इतिहास को यह कहकर कैसे बदनाम कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी से पहले भारत ने कभी भी LOC और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार नहीं की। 1965 में भारतीय सेना ने कई जगहों पर पाकिस्तान में प्रवेश किया, जिससे लाहौर सेक्टर में पाकिस्तानियों को पूरी तरह से आश्चर्य हुआ। 1971 में भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और UPA सरकार के दौरान कई सर्जिकल स्ट्राइक की गईं, लेकिन राजनीतिक रूप से इसका ढोल नहीं पीटा गया। जिस पार्टी ने आपको इतना कुछ दिया, उसके प्रति आप इतने बेईमान कैसे हो सकते हैं?'
कांग्रेस नेता उदित राज ने अपने इस पोस्ट को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर पिन भी कर रखा है। इसके बाद अब पवन खेड़ा और जयराम रमेश जैसे वरिष्ठ नेता भी सोशल मीडिया पर शशि थरूर पर सवाल उठा रहे हैं।
पवन खेड़ा ने भी शशि थरूर को टैग किया और कहा - "जयशंकर ने अक्टूबर 2016 में विदेश मामलों की संसदीय समिति के समक्ष कहा था, "नियंत्रण रेखा के पार पेशेवर तरीके से, लक्ष्य-केंद्रित, सीमित क्षमता वाले आतंकवाद-रोधी अभियान पहले भी चलाए गए हैं लेकिन यह पहली बार है कि सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है।"
देश से कांग्रेस का नाम मिटाने की कोशिश कर रहे शशि थरूर - उदित राज
जयराम रमेश ने उदित राज के उस बयान को रीट्वीट किया जिसमें उदित राज ने अपनी पार्टी के सांसद शशि थरूर की टिप्पणी पर कहा कि, "बैठक के लिए जो प्रतिनिधिमंडल भेजे गए हैं, वे इस देश से कांग्रेस का नाम मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। शशि थरूर का कहना है कि हमने कभी भी पाकिस्तान के साथ एलओसी या कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की। यह झूठ है और कांग्रेस को खत्म करने की साजिश है। उन्हें कांग्रेस पार्टी का अनादर करने के बजाय अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस ने अतीत में आवश्यक कदम उठाए लेकिन कभी भी इसका प्रचार नहीं किया या इसे अपने पक्ष में वोट जुटाने के माध्यम के रूप में इस्तेमाल नहीं किया।"
शशि थरूर का वो बयान जिसे लेकर कांग्रेस है नाराज :
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि, "हाल के वर्षों में जो बदलाव आया है, वह यह है कि, आतंकवादियों को भी एहसास हो गया है कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी, इस पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। जब पहली बार भारत ने सितंबर 2015 में उरी में एक आतंकी अड्डे पर सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया था। यह पहले से ही कुछ ऐसा था जो हमने पहले नहीं किया था। कारगिल युद्ध के दौरान भी हमने नियंत्रण रेखा पार नहीं की थी; उरी में हमने ऐसा किया और फिर जनवरी 2019 में पुलवामा में हमला हुआ। इस बार हमने न केवल नियंत्रण रेखा बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा भी पार की और हमने बालाकोट में आतंकवादी मुख्यालय पर हमला किया। इस बार हम उन दोनों से आगे निकल गए हैं। हम न केवल नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से आगे निकल गए हैं। हमने नौ जगहों पर आतंकी ठिकानों, प्रशिक्षण केंद्रों, आतंकी मुख्यालयों पर हमला करके पाकिस्तान के पंजाबी गढ़ पर हमला किया है।"
मेरे पास वास्तव में इससे बेहतर काम हैं - शशि थरूर
उनके बयान पर जब कांग्रेस नेताओं ने सवाल खड़े किए तो उन्होंने एक्स पर लिखा - पनामा में एक लंबे और सफल दिन के बाद, मुझे आधी रात को यहाँ से निकलना है, क्योंकि छह घंटे बाद मेरी बोकोटा, कोलंबिया के लिए उड़ान है। मेरे पास वास्तव में इसके लिए समय नहीं है, लेकिन फिर भी जो लोग नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारतीय वीरता के बारे में मेरी कथित अज्ञानता पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं, उनके लिए - मैंने स्पष्ट रूप से केवल आतंकी हमलों के जवाबी कार्रवाइयों के बारे में बात की थी, न कि पहले की जंगों के बारे में।
मेरी टिप्पणियाँ हाल के वर्षों में हुए कई हमलों के संदर्भ में थीं, जिनके दौरान भारत का जवाब संयमित और नियंत्रण रेखा (LoC) व अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) के प्रति जिम्मेदार सम्मान से बंधा हुआ था लेकिन हमेशा की तरह, आलोचक और ट्रोल मेरे विचारों और शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए स्वतंत्र हैं। मेरे पास वास्तव में इससे बेहतर काम हैं। शुभ रात्रि।
