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आप-कांग्रेस में नहीं हुआ गठबंधन, अब दोनों पार्टियाँ लड़ेंगी अकेले चुनाव

आप-कांग्रेस में नहीं हुआ गठबंधन, अब दोनों पार्टियाँ लड़ेंगी अकेले चुनाव
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नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर पिछले कई दिनों से जारी खींचतान सोमवार को पूरी तरह से समाप्त हो गई हैं। 'आप' के संस्थापक सदस्य और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को बताया कि कांग्रेस ने गठबंधन से इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने शनिवार को कहा था कि राजधानी की सात लोकसभा सीटों के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन पर जो भी फैसला होगा उसकी औपचारिक घोषणा जल्दी कर दी जाएगी।

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ नई दिल्ली में गठबंधन से इनकार कर दिया है। तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित ने रविवार को अपने निवास पर मीडिया से बातचीत में 'आप' से गठबंधन के सवाल पर कहा था कि आज शाम या सोमवार तक इस संबंध में पार्टी के औपचारिक निर्णय का एलान कर दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली की सातों संसदीय सीटों पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर कांग्रेस के सांसद चुने गए थे लेकिन वर्ष 2014 के चुनाव में वह एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी। देश भर में 11 अप्रैल से लेकर 19 मई के बीच कुल सात चरणों में लोकसभा चुनाव संपन्न होंगे। दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को वोट डाले जाएंगे।

प्रदेश कांग्रेस की ओर से सातों लोकसभा सीटों के लिए संभावित प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए गए हैं। हर लोकसभा सीट से 2-3 प्रत्याशियों का पैनल बनाकर कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति को भेज दिए गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस ने भी पिछला चुनाव हार चुके सभी प्रत्याशियों के नाम इस बार फिर से संभावित प्रत्याशियों की सूची में जोड़ दिए हैं। बहरहाल, अब माना जा रहा है कि दिल्ली में कांग्रेस और 'आप' के गठबंधन को लेकर अब सभी अटकलें खत्म हो गई हैं।

देर रात तक चली बैठक : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित के निवास पर शनिवार देर रात तक तीनों कार्यकारी अध्यक्षों समेत तमाम वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की बैठक हुई। जिसमें गठबंधन को एक बार फिर नकारते हुए तमाम नेताओं ने संभावित प्रत्याशियों के नामों का चयन किया। प्रदेश की ओर से भेजे गए नामों में अनुभवी और युवा चेहरों को बराबर तरजीह दी गई है। उधर, शनिवार देर रात शीला दीक्षित के घर हुई बैठक में भी गठबंधन को लेकर दोनों धड़ों में काफी गहमा-गहमी हुई। अंत में नामों की लिस्ट पर सभी ने मुहर लगा दी।

Updated : 1 April 2019 4:39 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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