दिल्ली के वेलकम इलाके में बड़ा हादसा: चार मंजिला इमारत ढही, मलबे में दबे 4 लोग; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

our-storey Building Collapses in Delhi's Welcome Area : दिल्ली। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के थाना वेलकम क्षेत्र में स्थित जनता मजदूर कॉलोनी, सीलमपुर की गली नंबर 5 में शनिवार, 12 जुलाई 2025 की सुबह करीब 7:05 बजे एक चार मंजिला इमारत अचानक ढह गई। इस हादसे ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। अनुमान है कि हादसे के समय इमारत में कई लोग मौजूद थे, जिनमें से लगभग 12 लोग मलबे में दब गए। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं, लेकिन घनी आबादी और संकरी गलियों के कारण बचाव कार्य में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। इस लेख में हम इस हादसे की पूरी जानकारी, बचाव कार्यों, और संभावित कारणों पर चर्चा करेंगे।
दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के अनुसार, यह चार मंजिला इमारत लगभग 30-35 गज के क्षेत्र में बनी थी। हादसा सुबह करीब 7:00 बजे हुआ, जब इमारत अचानक भरभराकर गिर गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इमारत में उस समय 8 से 10 लोग मौजूद थे, जिनमें तीन बच्चे और तीन महिलाएं शामिल थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे की आवाज इतनी तेज थी कि कुछ लोगों को लगा कि यह भूकंप या गैस सिलेंडर विस्फोट हो सकता है।
अधिकारियों को आशंका है कि मलबे में अभी भी 5 से 6 लोग फंसे हो सकते हैं। अब तक 6 लोगों को मलबे से सुरक्षित निकालकर नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। दिल्ली पुलिस, दिल्ली फायर सर्विस, और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें मौके पर मौजूद हैं और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। सात दमकल गाड़ियां और भारी मशीनरी की मदद से मलबा हटाने का काम जारी है।
बचाव कार्य जारी
घटना की सूचना मिलते ही सुबह 7:05 बजे आपातकालीन सेवाएं सक्रिय हो गईं। दिल्ली फायर डिपार्टमेंट, एनडीआरएफ, और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं। हालांकि, जनता मजदूर कॉलोनी की संकरी गलियां और घनी आबादी बचाव कार्य में बड़ी बाधा बन रही है। भारी मशीनों को मलबे तक पहुंचाने में कठिनाई हो रही है, जिसके कारण राहत कार्य धीमा पड़ रहा है। स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में सहयोग कर रहे हैं, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
हादसे का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि इमारत की जर्जर स्थिति इस हादसे का मुख्य कारण हो सकती है। दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों में पुरानी और कमजोर संरचनाओं की समस्या लंबे समय से चली आ रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि खराब सीवर लाइनों और दीवारों में रिसाव के कारण इमारतों की नींव कमजोर हो जाती है, जिससे इस तरह के हादसे होते हैं। कुछ स्थानीय निवासियों ने भी क्षेत्र में सीवर ओवरफ्लो और रिसाव की शिकायत की थी, जिसे प्रशासन द्वारा नजरअंदाज किया गया।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने इस हादसे के बाद क्षेत्र में अन्य कमजोर इमारतों की जांच शुरू करने की बात कही है। एक एमसीडी अधिकारी ने बताया कि अनधिकृत कॉलोनियों में बिल्डिंग बायलॉज का पालन नहीं किया जाता, जिसके कारण इस तरह के हादसे बार-बार हो रहे हैं।
प्रशासन ने क्षेत्र को सील कर दिया है और अन्य खतरनाक इमारतों की पहचान के लिए सर्वेक्षण शुरू करने का फैसला किया है। पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर इस घटना पर चिंता व्यक्त की है और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है।
यह दिल्ली में इमारत ढहने की पहली घटना नहीं है। इससे पहले अप्रैल 2025 में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के दयालपुर थाना क्षेत्र के मुस्तफाबाद में एक चार मंजिला इमारत ढह गई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। इस साल जनवरी से अप्रैल तक दिल्ली फायर सर्विस को इमारत ढहने की 27 शिकायतें मिली थीं, जो पिछले साल की तुलना में 55.5% अधिक थीं। ये आंकड़े दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों और पुरानी इमारतों की खराब स्थिति को उजागर करते हैं।
