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वचन तो भूल गए, लेकिन गाली देना याद हैः शिवराज सिंह चौहान

वचन तो भूल गए, लेकिन गाली देना याद हैः शिवराज सिंह चौहान
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नेपानगर। कमलनाथ-कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कई वचन दिए। उन्होंने वचन-पत्र बनाया और उस वचन-पत्र में किसानों की 2 लाख रूपए की कर्जमाफी, युवाओं को 4 हजार रूपए बेरोजगारी भत्ता, बेटियों को कन्यादान के लिए 51 हजार रूपए, बुजुर्गों-निःशक्तजनों को पेंशन सहित कई वचन दे दिए। कमलनाथ-कांग्रेस ने इन वचनों को तो पूरा नहीं किया। वे वचन देकर उन्हें भूल गए, लेकिन उन्हें गाली देना याद रहा। कमलनाथ और उनके नेता हमें नंगा-भूखा कह रहे हैं, कमीना कह रहे हैं, नालायक कह रहे हैं और भी न जाने क्या-क्या कह रहे हैं। ये बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। वे गुरूवार को सुवासरा विधानसभा के चंदवासा एवं बदनावर विधानसभा के भैंसोला में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मांधाता विधानसभा के सुलगांव और नेपानगर विधानसभा के दाभिया (नावरा) में भी जनसभाओं को संबोधित किया।

कांग्रेस ने जनता के साथ गद्दारी की है -

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश की जनता के साथ धोखा किया है, छलावा किया है, गद्दारी की है। कमलनाथ ने प्रदेश के किसानों को 2 लाख रूपए कर्जमाफी का झुनझुना पकड़ा दिया, लेकिन उनका कर्जमाफ नहीं किया। इनके कारण किसान और ज्यादा कर्जदार हो गए हैं। किसानों ने कर्जमाफी के चक्कर में बैंकों का कर्जा नहीं भरा और अब उन्हें 18 प्रतिशत ब्याज देना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों चिंता मत करना उनके सिर पर रखी ब्याज की पोटरी को उनका मामा शिवराज सिंह चौहान भरेगा। कांग्रेस और इनके नेता तो बोरा गए हैं और अनाप-शनाप बक रहे हैं। उनके पास चुनावी मुद्दे तो हैं नहीं, वे तो शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी की सरकार को कोसने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ कह रहे हैं कि शिवराज सिंह तो आजकल नारियल का ट्रक लेकर ही चल रहे हैं, तो नारियल लेकर नहीं चलूं तो क्या शराब की बोतल लेकर चलूं।

केला एक्सपोर्ट क्लस्टर बनाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में केला एक्सपोर्ट क्लस्टर बनाएंगे, ताकि प्रदेश से केलों को बाहर भी भेजा जा सके। मुख्यमंत्री खेत-सड़क योजना को फिर से चालू किया जाएगा। आदिवासी बच्चों को शहर में रहने के लिए होस्टल, मकान का किराया भी उनका मामा शिवराज सिंह चौहान भरवाएगा। उन्होंने कहा कि हमने आदिवासी, माताओं-बहनों, युवाओं के लिए कई योजनाओं को शुरू किया था, लेकिन कमलनाथ ने योजनाओं को बंद करके मध्यप्रदेश को भ्रष्टाचार की बलि चढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि हम महापुरूषों का आदर करते हैं, लेकिन कमलनाथ-कांग्रेस ने क्या किया, इन्होंने तो प्रदेश को बर्बाद करने के अलावा कुछ नहीं किया।

जनता को राशन बांटना भी इन्हें घोटाला लग रहा है -

सीएम चौहान ने कहा कि जब मैंने मुख्यमंत्री का पद संभाला तो प्रदेश में कोरोना की दस्तक हो चुकी थी। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वल्लभ भवन पहुंचा तो पता चला कि कमलनाथ ने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर कोई बैठक नहीं की। हां उन्होंने आईफा अवार्ड के लिए कई बैठकें लीं, लेकिन कोरोना जैसी महामारी को लेकर उनकी सरकार ने कोई चिंता नहीं की। हमने कोरोना से बचाव के लिए पीपीटी किट की व्यवस्थाएं की, कोरोना सेंटर बनवाए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के गरीबों को सहकारी समितियों के माध्यम से निःशुल्क राशन बंटवाया तो अब कमलनाथ-कांग्रेस कह रही है कि भाजपा सरकार ने राशन घोटाला कर दिया। लेकिन कमलनाथ ने 15 माह वल्लभ भवन में बैठकर तबादला उद्योग चलाया, अवैध करोबार से पैसा कमाया। अफसरों के पदों का सौदा करके उन्होंने जो महापाप किया है उसका हिसाब दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ ने 15 माह में मध्यप्रदेश को सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबा दिया, वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार की मंडी बना दिया।

कमलनाथ ने सम्मान निधि रास्ते में ही रोक दी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को 6 हजार रूपए सम्मान निधि देना शुरू किया तो कमलनाथ ने प्रदेश के लाखों किसानों की सम्मान निधि रास्ते में ही रोक दी। हमने बाद में 77 लाख किसानों को सूची में जोड़ा और 4 हजार रूपए मिलाकर किसान सम्मान निधि को 10 हजार कर दिया। अब किसानों को हर साल 10 हजार रूपए किसान सम्मान निधि मिलेगी। श्री चौहान ने कहा कि हम मेधावी बच्चों को लैपटॉप देते थे तो इन्होंने मेरे भांजे-भांजियों से लैपटॉप ही छीन लिए। प्रदेश के ऐसे गरीब बच्चे जिनके परिवार की वार्षिक आय आठ लाख रूपए से कम है और जो बच्चे आईआईटी, आईआईएम, इंजीनियरिंग, मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं उनकी फीस भी भाजपा की सरकार भरेगी। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने भाजपा सरकार की योजनाओें को बंद कर दिया, लेकिन हम फिर से उन योजनाओं को शुरू कर रहे हैं। भाजपा सरकार में हमने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना शुरू की तो कमलनाथ ने उसकी राशि को बढ़ाकर 51 हजार तो कर दिया, लेकिन बेटी की शादी हो गई, वह ससुराल चली गई और अब तक भांजा-भांजी भी घर आ गए, लेकिन कमलनाथ के 51 हजार अब तक नहीं आए। उन्होंने कहा कि हम गरीब बहनों को लडुआ के लिए 16 हजार देते थे तो वे भी इन्होंने उनसे छीन लिए।


Updated : 12 Oct 2021 11:20 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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