यूरोप के मुस्लिम बाहुल्य देश में बजा मप्र चुनाव आयोग का डंका: अल्बानिया के संसदीय चुनाव में निभाएगा प्रेक्षक की भूमिका

अल्बानिया के संसदीय चुनाव में निभाएगा प्रेक्षक की भूमिका
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विशेष संवाददाता : भोपाल। देश भर में 24 राज्यों में राज्य सूचना आयोग हैं। जो पंचायत, स्थानीय निकाय एवं अन्य संस्थाओं के चुनाव कराते हैं। लेकिन इनमें मप्र राज्य चुनाव आयोग द्वारा पारदर्शिता के किए गए ई-मतदान समेत अन्य नवाचारों के चर्चा दूसरे देशों में भी हैं। यही वजह है कि यूरोप के मुस्लिम बाहुल्य देश अल्बानिया के चुनाव आयोग ने अपनी संसदीय चुनाव में मप्र राज्य चुनाव आयोग को प्रेक्षक बनाया है। इस संबंध में अल्बानिया चुनाव आयोग से इसी महीने के शुरुआत में आमंत्रण भी मिल चुका है।

दरअसल, अल्बानिया यूरोप का छोटा देश है। जहां अगले महीने संसदीय चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में प्रेक्षण की भूमिका निभाने के लिए मप्र राज्य निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष, सचिव समेत तीन सदस्यीय दल अगले महीने तिराना (अल्बानिया की राजधानी) पहुंचेगा। जहां 9 से 11 मई तक रहेगा।

इसी दौरान वहां संसदीय चुनाव होना है। खास बात यह है कि अभी तक मप्र के राज्य निर्वाचन आयोग की चुनावी पारदर्शिता एवं नवाचारों के चर्चे दूसरे राज्यों में होते थे। दो महीने पहले सभी राज्यों के निर्वाचन आयोगों की बैठक में मप्र के ई-मतदान समेत अन्य नवाचारों को सराहा था। साथ ही जम्मू कश्मीर राज्य ने स्थानीय चुनावों में मप्र राज्य निर्वाचन आयोग से सहयोग की मांग की।

पहली बार ईवीएम से होंगे चुनाव

भारत में जहां हर विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव के बाद ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं, वहीं यूरोप का देश अल्बानिया में पहली बार ईवीएम से चुनाव होने जा रहा हैं। अल्बानिया चुनाव आयोग अपने 10 फीसदी मतदान केंद्रों पर ईवीएम से चुनाव कराएगा।

इनका कहना है

हमारे लिए गौरव की बात है कि 24 राज्यों के आयोग में से मप्र को किसी देश के संसदीय चुनाव में प्रेक्षक की भूमिका निभाने का मौका मिला है। आयोग के नवाचारों के आधार पर यह उपलब्धि मिली है।

- अभिषेक सिंह , सचिव, मप्र राज्य निर्वाचन आयोग



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