48 घंटों तक भूखे रहकर चलाएंगे ट्रेन
लोको पायलटों की गांधीगीरी
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जबलपुर। पटरी पर 24 घंटे ट्रेन दौड़ाने वाले रेलवे ड्राइवर मंगलवार सुबह 9 बजे से भूख हड़ताल पर चले गए। इस हड़ताल से न तो ट्रेन के पहिए थम रहे हैं और न ही ट्रेनों की रफ्तार कम हो रही है। दरअसल गांधीगीरी करते हुए लोको पायलट भूखे पेट रहकर ट्रेन चला रहे हैं। रेलवे को इस हड़ताल की अधिकृत जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, उसने इसके लिए तैयारी की है। प्रमुख स्टेशनों पर ट्रेन ड्राइवरों की जांच होगी। ड्राइवर के अस्वस्थ पाए जाने पर अन्य ड्राइवर को जिम्मेदारी दी जाएगी ताकि ट्रेन की सुरक्षा पर कोई आंच नहीं आए। जबलपुर मंडल समेत देशभर के तकरीबन ढाई लाख लोको पायलट भूख हड़ताल पर हैं। इसमें लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट से लेकर शंटर तक शामिल होंगे। दरअसल रेलवे द्वारा उन्हें दिया जा रहा रनिंग एलाउंस कम है। ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन के महामंत्री एमएम प्रसाद ने बताया कि देशभर के 16 रेल जोन में आने वाले 63 मंडल के लोको पायलट भूख हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं।
हड़ताली ड्यूटी खत्म होते ही वे घर नहीं जाएंगे बल्कि डीआरएम कार्यालय या लॉबी में रुकेंगे और रेस्ट खत्म होते ही यहीं से ड्यूटी पर रवाना हो जाएंगे। इस दौरान होने वाली दुर्घटनाओं का जिम्मेदार रेलवे प्रशासन होगा।
ट्रेन डाइवर को वेतन के साथ रनिंग एलाउंस मिलता है, जिसे माइलेज कहते हैं। इसमें हर ड्राइवर को ट्रेन चलाने के दौरान प्रति किमी ढाई रुपए अतिरिक्त दिए जाते हैं। यानि वे ड्यूटी में 100 किमी ट्रेन चलाते हैं तो उन्हें 250 रुपए माइलेज के मिलेंगे। ड्राइवरों का कहना है कि उनका माइलेज, ट्रैवल एलाउंस की तरह रिवाइज होकर हर साल बढ़े। हालांकि रेलवे से जुड़े जानकार बताते हैं कि आने वाले एक सप्ताह के भीतर रेलवे माइलेज को ढाई रुपए से बढ़ाकर 5 रुपए करने जा रहा है, जिसका फायदा ड्राइवर को मिलेगा।
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