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पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने धर्मांतरण पर दिया बड़ा बयान, कहा - वलीउल्लाह वाले घूम रहे, उनकी ठठरी और गठरी बंध जाएगी

धीरेन्द्र शास्त्री ने बड़वानी में दिव्य दरबार लगाया। इस दौरान भारी बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने धर्मांतरण पर दिया बड़ा बयान, कहा - वलीउल्लाह वाले घूम रहे, उनकी  ठठरी और गठरी बंध जाएगी
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बड़वानी/वेबडेस्क। बागेश्वर धाम के महंत एवं प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने पर जोर देते हुए कहा कि अब यहां धर्मांतरण नहीं चलेगा। हिंदू एकत्रित हो रहा है, जाग रहा है। अब बालाजी की कृपा से धर्मांतरण वालों की ठठरी और गठरी बंध जाएगी। उन्होंने कहा कि हम वनवासी क्षेत्रों में कथा कर रहे हैं, जिससे उनमें जनजागरण होगा।

पंडित धीरेन्द्र शास्त्री शनिवार को बड़वानी में पत्रकार वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब दे रहे थे। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की इन दिनों बड़वानी में कथा चल रही है। शुक्रवार रात उन्होंने यहां दिव्य दरबार लगाया था। शनिवार को उन्होंने पत्रकार वार्ता में आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि हम आदिवासी क्षेत्रों में वनवासियों के आमंत्रण पर ही जा रहे हैं और उन्हीं को जजमान बनाते हैं।

उन्होंने देशभर के कथावाचकों से प्रार्थना की कि शहरों की कथाओं से धर्म नहीं बचेगा। जिन वनवासियों व ग्रामीणों को उपेक्षित रखा गया है, उनके पास जाकर कथा करें। उन्होंने एक राजनीतिज्ञ के बाहर जाकर कथा न करने के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि साधु का काम जगाना है, किसी राजनेता की बात का जवाब देना नहीं।पं. शास्त्री ने कहा कि हम साधु तो नहीं लेकिन साधु की पीठ बागेश्वर है और हम उसके सेवक हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम तब राम हुए जब वे वन गए और जब वे वन गए तो बन गए, इसलिए हमें भी जगाने के लिए वनों और ग्रामों में जाना होता है।

इससे पहले शुक्रवार रात धीरेन्द्र शास्त्री ने बड़वानी में दिव्य दरबार लगाया। इस दौरान भारी बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री प्रेम सिंह के सरल व्यवहार और आग्रह पर वे बड़वानी आए हैं। मौसम खराब होने की वजह से दिन में नहीं पहुंच सके। इतनी बारिश में जनता बनी रही, यही भारत का सौभाग्य और सनातन संस्कृति का प्रभाव है। उन्होंने हनुमान जी की कृपा उल्लेखित करते हुए कहा कि बड़वानी भक्ति नगर है और आसपास के जिलों की जनता इतनी भावुक थी कि ऐसा लग रहा था कि पूरी रात दरबार चलता रहे तो भी वह जाने वाले नहीं थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे शीघ्र ही कथा के लिए बड़वानी आएंगे।

Updated : 24 Jun 2023 11:26 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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