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प्रदेश में हर साल 18 सितंबर को मनाया जाएगा बलिदान दिवस : मुख्यमंत्री

राजा शंकर शाह के नाम पर होगा छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम

प्रदेश में हर साल 18 सितंबर को मनाया जाएगा बलिदान दिवस : मुख्यमंत्री
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जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पराक्रमी राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह ने अपनी मातृभूमि, अपने धर्म, राज्य की रक्षा और भारत माता की गुलामी की जंजीरों का काटने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है। हम उन सभी वीरों की पूजा करते हैं, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। ऐसे जनजातीय नायकों को समर्पित भव्य स्मारक का निर्माण कराया जाएगा, जिसका सूत्रपात आज किया गया है। हर साल 18 सितंबर को बलिदान दिवस मनाया जाएगा। प्रत्येक वर्ष कार्यक्रम का आयोजन होगा।

मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में जबलपुर के गैरीसन ग्राउंड में आयोजित अमर शहीद शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अनेक घोषणाएं भी कीं। जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी भी बलिदान दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने दी। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रुप में मनाया जाएगा। सम्पूर्ण प्रदेश में बड़े ही धूमधाम के साथ जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन होगा।

छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का बदलेगा नाम -

जनजातीय नायक राजा शंकर शाह के बलिदान दिवस पर आयोजित गरिमापूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम ''राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय'' किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हम सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार जनजातीय भाई-बहनों को देने जा रहे हैं। पेसा एक्ट चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में लागू किया जाएगा। उन्होंने पेसा एक्ट की भावना के अनुरूप जंगल प्रबंधन की बात कही।

राशन आपके द्वार -

मुख्यमंत्री चौहान ने जिले के जनजातीय बाहुल्य विकासखंडों में 1 नवम्बर को मध्प्रदेश स्थापना दिवस से राशन आपके द्वार व्यवस्था प्रारंभ करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1 नवम्बर से जनजातीय बाहुल्य विकासखंडों में घर घर राशन वितरण किया जाएगा। प्रदेश के 89 जनजातीय बाहुल्य विकासखंडों में अब किसी भी जनजातीय भाई-बहन को राशन लेने के लिए दुकानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उनके अधिकार का राशन सरकार उनके घर तक भिजवाएगी। हम गाँव-गाँव तक राशन पहुँचाने की एक नई योजना प्रारंभ करने जा रहे हैं। इसका लाभ हमारे जनजातीय विकासखंडों के 7,500 से अधिक गाँव में रहने वाले 23 लाख 80 हजार परिवारों को मिलेगा। इन परिवारों तक राशन सामग्री वाहनों से पहुँचाई जाएगी।

Updated : 12 Oct 2021 10:32 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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