बिलौआ नप अध्यक्ष ने सीएमओ पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
ग्वालियर जिले की नगर परिषद बिलौआ में संचालित अस्थाई दखलकर नाका और यहां संचालित खदानों/क्रेशरों के अनापत्ति प्रमाण पत्र नगर परिषद कार्यालय में विवाद का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है।
ग्वालियर | ग्वालियर जिले की नगर परिषद बिलौआ में संचालित अस्थाई दखलकर नाका और यहां संचालित खदानों/क्रेशरों के अनापत्ति प्रमाण पत्र नगर परिषद कार्यालय में विवाद का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है। विगत तीन वर्षों में जहां अध्यक्ष सुनील चौरसिया पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगे हैं। वहीं नवागत सीएमओ द्वारा परिषद की लगाम अपने हाथ में ले ली है तो अब स्वयं अध्यक्ष सुनील चौरसिया ने ही सीएमओ पर भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के आरोप लगाए हैं।
बिलौआ नगर परिषद अध्यक्ष सुनील चौरसिया ने प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को पत्र लिखकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रमोद बरुआ पर पद के दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितता करने का आरोप लगाया है। अध्यक्ष सुनील चौरसिया ने शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि प्रमोद कुमार बरुआ द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर खनिज (काला पत्थर) क्रेशर की अनापत्ति नियम विरुद्ध अवैधानिक व्यक्तियों को जारी की गई है।
शिकायत में उल्लेख किया गया है कि खनिज अधिनियम के अनुसार प्राधिकारी ग्राम पंचायत के ठहराव एवं प्रस्ताव के बिना किसी भी व्यक्ति को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा। जबकि सीएमओ ने जिन व्यक्तियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए हैं, उनके संबंध में नगर परिषद बिलौआ द्वारा अपने संकल्प क्रमांक 254 दिनांक 28 दिसंबर 2017 के समय संपूर्ण विचार एवं जांच उपरांत उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाना न्यायसंगत नहीं माना था। इसलिए उन्हें जनहित को ध्यान में रखते हुए निरस्त किया गया था। शिकायत में लिखा गया है कि सीएमओ श्री बरुआ द्वारा अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया है तथा अनाधिकृत रूप से आदेश जारी कर क्रेशर मालिकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर अपराध किया है।
पूर्व के आरोपों का किया उल्लेख
प्रमुख सचिव से की गई शिकायत में नगर परिषद अध्यक्ष सुनील चौरसिया ने उल्लेख किया है कि प्रमोद बरुआ दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी थे, जो कि अवैध रूप से उप-राजस्व निरीक्षक के पद पर नगर पंचायत फूफ, जिला भिण्ड में पदस्थ रहे। शासन की जांच में दोषी पाए गए थे। नगरीय प्रशासन विभाग ने 2.9.2009 को उनकी अनियमित नियुक्ति निरस्त किए जाने के आदेश दिए। इसके विरुद्ध उच्च न्यायालय ग्वालियर में रिट याचिका लगाई गई जो निरस्त हो गई। इसी प्रकार नगर पंचायत अकोड़ा, जिला भिण्ड में पदस्थ रहते भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता भी की, जिसमें लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज हो चुका है। सफाई कर्मचारियों की सीधी भर्ती में भी उन पर कई गंभीर आरोप लगे। जिमसें वित्तीय अनियमितताओं को छुपाने, रिकार्ड में कांटछांट कर, हेराफेरी करने जैसे आरोप लगे।
बरुआ ने इन्हें जारी किए अनापत्ति प्रमाण पत्र
जय माँ कैलादेवी पार्टनर श्रीमती मेघा शिवहरे
सौरभ गुप्ता पुत्र हेमन्त गुप्ता, राघव गुप्ता पुत्र देवेन्द्र गुप्ता
अमरनाथ शर्मा पुत्र स्व. छोटेलाल शर्मा
श्रीराम शर्मा पुत्र रामनिवास शर्मा एवं धर्मेन्द्र शर्मा पुत्र रामनिवास शर्मा।
सतीश शर्मा पुत्र छगनलाल शर्मा
मंजू गुप्ता पत्नी ब्रह दत्त गुप्ता
इनका कहना है
'क्रेशर, खदानों के अनापत्ति प्रमाण पत्र मैंने परिषद की नीति के अंतर्गत दिया है। पूर्व में अध्यक्ष परिषद का भय दिखाकर भेदभावपूर्वक कार्रवाई कर रहे थे। परिषद नीति बनाई है। उसी नीति के अनुसार मैंने एनओसी जारी की है।
प्रमोद बरुआ
सीएमओ नगर परिषद बिलौआ
'क्रेशर खदानों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार सिर्फ परिषद को है। सीएमओ ने अनुचित लाभ लेने के लिए परिषद द्वारा निरस्त किए गए लोगों और नए आवेदकों को भी एनओसी जारी किए हैं। मैंने इसकी शिकायत प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग से की है।
सुनील चौरसिया
अध्यक्ष नगर परिषद बिलौआ
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