होलकर से हर गली तक: महिला विश्व कप 2025 से मध्यप्रदेश में महिला क्रिकेट को मिलेगी नई उड़ान अनुराग तागड़े…

इंदाैर। 28 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद, मध्यप्रदेश एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रहा है। इंदौर का प्रतिष्ठित होलकर स्टेडियम पहली बार आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 की मेजबानी करेगा। यह आयोजन केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि महिला क्रिकेट के पुनर्जागरण की उद्घोषणा है, विशेषकर मध्यप्रदेश में, जहां बीते वर्षों में यह खेल नई चेतना के साथ उभरा है।
महिला क्रिकेट का इतिहास: इंदौर और मध्य प्रदेश में शुरुआती सफर
मध्यप्रदेश में महिला क्रिकेट की जड़ें 1970 के दशक में पड़ने लगी थीं, जब देशभर में महिला क्रिकेट को संगठित स्वरूप मिलने लगा। हालांकि संसाधनों की कमी, सामाजिक अपेक्षाएं और खेल के प्रति सीमित जागरूकता के कारण महिला क्रिकेट धीमी गति से आगे बढ़ा।
इंदौर, जो पारंपरिक रूप से पुरुष क्रिकेट का गढ़ रहा है, ने 1997 में पहली बार महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी की थी, जब नेहरू स्टेडियम में महिला विश्व कप के तहत एक मैच खेला गया था। यह आयोजन एक संकेत मात्र था, परंतु इसके बाद एक लंबा सन्नाटा छा गया। न तो राज्य स्तर पर महिला क्रिकेट को पर्याप्त मौके मिल पाए, न ही राष्ट्रीय टीम में खिलाड़ियों की स्थायी भागीदारी बन सकी।
बीते दशक में बदलाव की बयार
पिछले 10-12 वर्षों में महिला क्रिकेट ने मध्यप्रदेश में नई करवट ली। खेल संघों की सक्रियता, खिलाड़ियों की दृढ़ इच्छाशक्ति और परिवारों का समर्थन इस बदलाव के सूत्रधार बने। विशेषतः 2018 के बाद से राज्य की अंडर-19, अंडर-23 और सीनियर महिला टीमों ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय स्तर पर चैंपियनशिप जीतीं। छोटे शहरों और कस्बों से आ रही बालिकाओं ने साबित किया कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती। आज ये लड़कियाँ न केवल राज्य के लिए बल्कि भारतीय सीनियर और अंडर 19 टीम के लिए खेल रही है।
इसी दौर में इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में महिला खिलाड़ियों के लिए अलग कोचिंग कैंप, ट्रेनिंग सुविधाएं और टैलेंट स्काउटिंग शुरू की गईं। मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने महिला क्रिकेट को अलग पहचान देने के लिए विशेष शिविरों और टूर्नामेंट्स का आयोजन किया, जिससे राज्य का आधार व्यापक और मजबूत हुआ।
वर्तमान में महिला क्रिकेट की स्थिति - उम्मीदों से भरी एक नई सुबह
आज मध्यप्रदेश की महिला क्रिकेट टीम में अनुशासन, प्रतिस्पर्धा और आत्मविश्वास की झलक दिखती है। प्रदेश की कई खिलाड़ी भारत की जूनियर और सीनियर टीमों में चयनित हो रही हैं। विशेष रूप से अंडर-19 टीमों में मध्यप्रदेश की भागीदारी देशभर में चर्चा का विषय बन चुकी है।
मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की पहल पर कई जिलों में महिला क्रिकेटरों को उत्कृष्ट सुविधाएं मिल रही हैं। कोचिंग, फिटनेस ट्रेनिंग, वीडियो विश्लेषण जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से लड़कियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारियां करवाई जा रही हैं। इतना ही नहीं इस वर्ष पहली बार मध्य प्रदेश प्रीमियर लीग में तीन महिला टीमों के बीच मुकाबले भी हुए और उनका सीधा प्रसारण भी हुआ है। अगले वर्ष 2 और टीमों के जुड़ने की संभावना है।
होलकर स्टेडियम का विश्व कप में पदार्पण - इतिहास का पुनर्लेखन
होलकर स्टेडियम, जो अब तक टेस्ट, वनडे और आईपीएल मैचों की शानदार मेजबानी करता आया है, अब महिला विश्व कप में अपनी भूमिका निभाने जा रहा है। 1 अक्टूबर से शुरू हो रहे पांच अंतरराष्ट्रीय मुकाबले केवल दर्शकों के लिए रोमांच नहीं होंगे, बल्कि वे राज्य की बालिकाओं के लिए प्रेरणा बनेंगे।
भारत बनाम इंग्लैंड (19 अक्टूबर) का मुकाबला विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह भारतीय महिला क्रिकेट की ताकत को होम ग्राउंड पर देखने का दुर्लभ अवसर होगा। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमों को खेलते देखना मध्य प्रदेश की युवा खिलाड़ियों के लिए एक शैक्षिक अनुभव भी होगा।
महिला क्रिकेट को मिलेगा नया आयाम
विश्व कप के ये मैच मध्यप्रदेश के लिए एक नई शुरुआत होंगे। स्कूलों और कॉलेजों में क्रिकेट खेलने वाली लड़कियाँ अब यह देख सकेंगी कि उनका सपना भी एक दिन होलकर स्टेडियम में खेलने का हो सकता है। न केवल इंदौर, बल्कि पूरे प्रदेश में महिला क्रिकेट को लेकर नया जोश पैदा होगा।
मध्यप्रदेश में महिला क्रिकेट अब किनारे का विषय नहीं रहा। यह मुख्यधारा में आ चुका है। आईसीसी महिला विश्व कप 2025 के पाँच मुकाबले प्रदेश के लिए सिर्फ खेल नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का भी प्रतीक हैं। यह आयोजन मध्य प्रदेश की बेटियों को नई पहचान, नई ऊर्जा और नई उड़ान देगा। जब होलकर स्टेडियम में बल्ले और गेंद की टकराहट होगी, तब उसके पीछे सैकड़ों सपने भी होंगे - जो मैदान पर तो नहीं दिखेंगे, पर भविष्य की पटकथा जरूर लिखेंगे।
