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कोरोना कहर : प्रदेश में संक्रमण से एक और डॉक्टर की हुई मौत

कोरोना कहर : प्रदेश में संक्रमण से एक और डॉक्टर की हुई मौत
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इंदौर। कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण इंदौर में आफत बन कर टूटा है। देश के अन्य शहरों की तुलना में यहां कोरोना संक्रमण से मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। गुरूवार को कोरोना संक्रमित एक चिकित्सक की मौत के बाद शुक्रवार को भी यहां एक और चिकित्सक सहित चार लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई।

इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण से डॉक्टर ओमप्रकाश चौहान की मौत हो गई। डॉ. चौहान इंदौर के मरीमाता क्षेत्र में क्लिनिक चलाते थे। तबियत बिगडऩे के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। 3 दिन पहले ही जांच के बाद उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। शुक्रवार को अरबिंदों के आईसीयू में उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉ. ओमप्रकाश चौहान शुगर और रक्तचाप के मरीज थे। जानकारी के अनुसार वह लॉक डाउन के दौरान भी अपना क्लिनिक चला रहे थे। इंदौर में कोरोना से शुक्रवार को कुल 4 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है।

निजी चिकित्सक मरीजों से हुए संक्रमित-

इंदौर में 2 दिन में 2 चिकित्सकों की मौत हुई है। दोनों क्लिनिक चलाते थे। ऐसे में प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चिंता की विषय यह है कि आखिर इन चिकित्सकों को कोरोना हुआ कैसे? क्या क्लिनिक में ये कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए। क्योंकि वहां स्क्रीनिंग की तो कोई व्यवस्था नहीं थी। ऐसे प्रशासन उन लोगों की हिस्ट्री भी निकाल सकती है जिनके संपर्क में ये दोनों चिकित्सक आए थे। डॉ. चौहान पहले सुयश अस्पताल में भर्ती हुए थे, तबियत में सुधार नहीं होने पर उन्हें अरबिंदो में भर्ती कराया गया था।

सिर्फ इंदौर में हुई चिकित्सकों की मौत -

देश में सबसे पहले चिकित्सक के रूप में डॉ. पंजवानी की इंदौर में ही कोरोना से मौत हुई है। जबकि डॉ. ओमप्रकाश चौहान के रूप में दूसरे चिकित्सक की मौत भी इंदौर में ही हुई है। डॉ. शत्रुघ्न पंजवानी की रिपोर्ट भी 2 दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव आई थी। शहर में कोरोना संक्रमण के बावजूद वह प्राइवेट क्लिनिक चला रहे थे, साथ ही कोई सावधानी भी नहीं बरत रहे थे। इन्हें लेकर पूर्व में कई अफवाह भी उड़ी थी कि ये कोरोना संक्रमित हैं, बाद में उन्होंने वीडियो जारी कर कहा था कि मैं पूरी तरह से फिट हूं।

शव यात्रा में 5 लोग होंगे शामिल-

इंदौर में बढ़ते संक्रमण के मामले को देखते हुए इंदौर जिलाधीश मनीष सिंह ने निर्णय लिया है कि शव यात्रा या किसी के जनाजे में अब पांच से ज्यादा लोग नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि टाटपट्टी बाखल में अगर 20 केस मिले हैं तो वह जनाजे निकलने की वजह से ही है। क्षेत्र के लोग अब खतरे में हैं। कलेक्टर ने यह भी आदेश दिया है कि अब अस्पताल में किसी भी व्यक्ति की मौत होती है तो वह सीधे अब शमशान या कब्रिस्तान जाएगा। चाहे मृत्यु किसी भी वजह से क्यों न हुई हो।

Updated : 13 April 2020 7:33 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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