अनाज खरीद: रिश्वत लेते पकड़े गए मंडी निरीक्षक और बाबू, EOW ने 30 हजार की घूस के साथ दबोचा

मध्यप्रदेश। इंदौर EOW ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महू बड़गोंदा कृषि उपज मंडी के निरीक्षक सचिव विक्रम सिंह चौहान और बाबू किशोर नाविक को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दोनों आरोपी अनाज खरीद-बिक्री का लाइसेंस जारी करने के एवज में घूस की मांग कर रहे थे।
शिकायत के बाद EOW हरकत में आया
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इंदौर निवासी अनिल सैनी ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) के पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि अनाज क्रय-विक्रय के लिए लाइसेंस जारी कराने के बदले महू बड़गोंदा मंडी के निरीक्षक सचिव विक्रम सिंह चौहान और बाबू किशोर नाविक द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है। यह शिकायत 28 अप्रैल को दर्ज की गई थी, जिसके बाद EOW ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू की।
डिजिटल साक्ष्य के आधार पर रिश्वतखोरी की पुष्टि
ईओडब्ल्यू इंदौर द्वारा शिकायत की गहन जांच के बाद आवेदक को आरोपियों के पास पुष्टि के लिए भेजा गया। इस दौरान डिजिटल साक्ष्यों में यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी मंडी निरीक्षक विक्रम सिंह चौहान और बाबू किशोर नाविक ने 30,000 रुपये की रिश्वत मंडी के ही अन्य व्यापारी कृष्णा अग्रवाल को देने के निर्देश दिए थे।
सबूत पुख्ता होने पर 2 मई 2025 को दोपहर 3 बजे ईओडब्ल्यू की टीम ने महू के डोंगरगांव स्थित कृषि उपज मंडी कार्यालय में ट्रैप कार्रवाई कर दोनों आरोपियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
रंगे हाथों गिरफ्तारी के बाद बड़ी कार्रवाई
बता दें कि जैसे ही अनिल सैनी ने तय की गई रिश्वत की रकम कृष्ण अग्रवाल को सौंपी, वहां पहले से मौजूद ईओडब्ल्यू की ट्रैप टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। मंडी इंस्पेक्टर और सचिव विक्रम सिंह चौहान को मौके पर ही हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई।
इस पूरे मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है। साथ ही कृषि उपज मंडी के कार्यालय में तलाशी अभियान चलाकर संबंधित दस्तावेजों को जब्त किया गया है, ताकि रिश्वतखोरी की इस पूरी प्रक्रिया की विस्तृत जांच की जा सके।
