कलेक्टोरेट में आत्मदाह की कोशिश: परेशान दिव्यांग ने कलेक्टोरेट में छिड़का पेट्रोल, लोगों ने बचाया...

परेशान दिव्यांग ने कलेक्टोरेट में छिड़का पेट्रोल, लोगों ने बचाया...
X

इंदौर: मंगलवार को कलेक्टोरेट कार्यालय में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक दिव्यांग युवक ने आत्मदाह की कोशिश की। पीड़ित का आरोप है कि उसे मकान निर्माण के एवज में 9 लाख रुपये लौटाए नहीं जा रहे, जिसके चलते वह मानसिक तनाव में था।

युवक ने अपनी शिकायत को अनसुना किए जाने से परेशान होकर पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग लगाने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों और मीडियाकर्मियों की तत्परता से उसकी जान बच गई।

घटना कलेक्टोरेट भवन की पहली मंजिल के कॉरिडोर की है, जहां दिव्यांग युवक मोहम्मद समीर पिता अब्दुल रहमान अपने आवेदन के साथ पहुंचा था। जैसे ही जनसुनवाई में देरी हुई, समीर ने अपनी जेब से पेट्रोल से भरी बोतल निकाली और खुद पर छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की। कुछ ही पलों में वहां मौजूद लोगों ने उसे रोका और स्थिति को संभाला।

2 साल से न्याय की गुहार, लेकिन सुनवाई नहीं

समीर ने बताया कि वह बीते दो सालों से खजराना थाने से लेकर एसपी ऑफिस तक अपनी शिकायत लेकर चक्कर काट रहा है। उसका आरोप है कि एक इंजीनियर जावेद हुसैन ने उससे मकान निर्माण के नाम पर पैसे लिए लेकिन अब न तो मकान बना और न ही रकम वापस मिल रही है। उसने कुल 9 लाख रुपये दिए थे, जिसकी वसूली के लिए वह प्रशासन से मदद मांग रहा है।

समीर ने बताया कि मंगलवार को भी वह जनसुनवाई में हिस्सा लेने पहुंचा था और अपनी शिकायत की रसीद कटवा चुका था। लेकिन जब काफी देर तक उसकी बात नहीं सुनी गई तो उसने आत्मदाह जैसा खतरनाक कदम उठाया।

प्रशासन हरकत में, जांच का आश्वासन

घटना के तुरंत बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को गंभीरता से लिया और समीर से पूरी बात समझी। अधिकारियों ने उसे भरोसा दिलाया कि उसकी शिकायत को प्राथमिकता के आधार पर जांच में लिया जाएगा और यदि उसके आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, कलेक्टोरेट में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठे हैं कि आखिर कैसे एक व्यक्ति पेट्रोल की बोतल लेकर अंदर पहुंच गया। सूत्रों के अनुसार, अब इस दिशा में भी व्यवस्था को और मजबूत करने की तैयारी की जा रही है।

Tags

Next Story