नोटबंदी में बंद 47 लाख रुपयों के साथ युवक दबोचा

नोटबंदी में बंद 47 लाख रुपयों के साथ युवक दबोचा
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तांत्रिक के पास नए में बदलवाने ले जा रहा था

ग्वालियर। अपराध शाखा ने एक युवक को नोटबंदी में बंद हुए लाखों रुपए पुराने नोटों के साथ पकड़ा है। युवक तांत्रिक के पास पुराने नोटों को तांत्रिक पूजा के जरिए नए में बदलवाने के लिए लेकर जा रहा था। पुलिस ने नोट बरामद करने के बाद युवक से नोट कहां से आए उस संबंध में पूछताछ प्रारंभ कर दी है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि आचार संहिता प्रभावी होने के कारण पुलिस सक्रिय है। सुबह पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि मुरैना की ओर से बड़ी मात्रा में नगदी आने वाली है। सूचना मिलते ही टीम को अपराध शाखा को युवक को पकडऩे के निर्देश दिए गए। अपराध शाखा की टीम मुरैना हाइवे ट्रिपल आईटीएम के पास तैनात हो गई और वाहनों की चैकिंग प्रारंभ कर दी। मुरैना की ओर से एक युवक मोटर साइकिल पर आ रहा था जैसे ही उसने पुलिस को देखा वह गाड़ी वापस लेकर जाने लगा। मामला संदेहास्पद होने पर पुलिस ने पीछा करना शुरु कर दिया। अपराध शाखा ने युवक को पीछा कर दबोच लिया। पकड़े गए सुल्तान पुत्र होरीलाल करोसिया 50 वर्ष निवासी पालिटेक्निक महाविद्यलालय मुरैना के पास मिले थैले की पुलिस ने जब तलाशी ली तो उसमें नोटबंदी में बंद हुए नोट भरे हुए थे।

सुल्तान के पास से पुलिस ने एक हजार 41 गड्डियां और पांच पांच सौ नोटों की बारह गड्डियां बरामद की। कुल 47 हजार रुपए बरामद किए। सुल्तान ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसे यह पुराने नोट कचरे के ढेर में मिले थे। भय के कारण नोटों को घर ले गया था। कुछ रुपए सुल्तान ने अपने परिचितों से भी लिए थे। जब सुल्तान ने अपने परिचितों को नोटों के बारे में बताया तो उन्होंने उसे इन नोटों को पूजा के माध्यम से नई मुद्रा में तब्दील करने की बात कही। दशहरा और रामवनमी की रात को पुराने नोटों की पूजा कराकर नए नोटों में बदलने के लिए सुल्तान लेकर जा रहा था कि तभी वह पकड़ा गया। पुलिस सुल्तान से यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसके पास इतनी बड़ी मात्रा में रकम कहां से आई। पुलिस ने आयकर विभाग और भारतीय रिर्जव बैंक के अधिकारियों को सूचित कर दिया है।

वर्ष 2016 में बंद हो गए थे नोट

सुल्तान के पास इतनी बड़ी मात्रा में पुराने नोट कहां से आए अपराध शाखा भी हैरान है। हालांकि नोट चलन में नहीं होने के कारण उनका कोई उपयोग नहीं हैं लेकिन उनको रखना भी अपराध की श्रेणी में आता है। सात वर्ष के बाद भी पुराने नोट लोगों के पास मिलना आश्चर्य की बात है।

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