जब कोरोना का इलाज ही नहीं है तो ढाई लाख का खर्च कैसा

ग्वालियर, न.सं.। चीन द्वारा फैलाई गई कोरोना बीमारी का अभी तक सटीक इलाज नहीं बना है। देश-दुनिया में कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है। लेकिन अस्पताल संचालकों द्वारा लोगों से कोरोना इलाज के नाम पर 80 हजार से ढाई लाख रुपए तक वसूले जा रहे हैं। जबकि जानकारों का कहना है कि चिकित्सक की सलाह से कुछ दवाइयों का सेवन करके मात्र 150 रुपए में अपने आपको कोरोना जैसी बीमारी से सुरक्षित रखा जा सकता है। यहीं दवाइयां निजी और सरकारी अस्पतालों में दी जा रही हैं। साथ ही घर पर आइसोलेट करके अपने आप को स्वस्थ किया जा सकता है।
कोरोना के नाम पर लूट-खसोट
निजी अस्पताल संचालक कोरोना संक्रमित को बीमारी का भय दिखाकर मनमाने पैसे वसूल रहे हैं। यह पैसे अस्पताल द्वारा दी जाने वाली मात्र सुविधाओं के हैं जबकि दवाइयों का खर्चा बहुत ही कम है।
निजी और सरकारी अस्पतालों में दी जा रही है यह दवा
हल्के-फुल्के संक्रमण वाले लोगों को 250 एमजी की एजिथ्रोमाईसिन तीन दिन तक सुबह-शाम (कीमत 50 से 70), मल्टी विटामिन कैप्सूल जिंकोविड प्रतिदिन एक (कीमत 36 रुपए), लिम्सी प्रतिदिन एक (कीमत पांच रुपए), सर्दी-खांसी के लिए सेंट्राजिन एवं बुखार के लिए पैरासिटामॉल जैसी दवा निजी और सरकारी अस्पतालों द्वारा दी जा रही हैं। इन दवाओं के उपयोग से काफी हद तक अपने घर पर रहते हुए कोरोना से बचा जा सकता है।
इस प्रकार से भी रह सकते हैं सुरक्षित
प्रतिदिन सुबह, दोपहर और शाम गर्म पानी में नमक डालकर गरारे कर सकते हैं जिससे गले का इंफेक्शन खत्म हो जाता है। साथ ही सुबह-शाम गर्म पानी में नींबू डालकर पीएं जिससे गले व फेंफड़ों में जमा कफ पिघल कर निकल जाता है। वहीं गीलोय का सेवन करने अपनी रोग-प्रतिरोधक को भी बढ़ाया जा सकता है। इन सबके अलावा सुबह के समय सैर करना और नींबू व तुलसी के पत्तों का सेवन करके भी अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं। मानव दूरी, मास्क और सेनेटाइजर का उपयोग करके कोरोना जैसी बीमारी से दूर रहा जा सकता है।
मौतों का कोई आधार नहीं है
मरीजों द्वारा हजारों-लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी चिकित्सक द्वारा अंत में यह कह दिया जाता है कि व्यक्ति विशेष की मौत कोरोना से हो गई है। कभी-कभी आधार के रूप में यह बता दिया जाता है कि व्यक्ति पहले से ही कई बीमारियों से संक्रमित था। ऐसी स्थिति में यह समझ नहीं आ रहा है कि व्यक्ति की मौत कोरोना से हुई है या अन्य बीमारियों से। ग्वालियर में अब तक 69 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि संक्रमितों की संख्या 5000 से अधिक है। घर पर इलाज करके ही आज ग्वालियर का रिकवरी रेट लगभग 75 प्रतिशत हो चुका है। अत: घर पर पहले से ही सामान्य उपचार करके कोरोना जैसी बीमारी से बचा जा सकता है।
