मतदाता मौन, आज ईवीएम में व्यक्त करेगा मन की बात

मतदाता मौन, आज ईवीएम में व्यक्त करेगा मन की बात
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भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे की लड़ाई

ग्वालियर। सोलहवीं विधानसभा के लिए ग्वालियर जिले छह सीटों पर भाजपा -कांग्रेस का पूरा फोकस रहा । इन सीटों पर दोनों दलों के बीच कांटे की लडा़ई है। कुछ सीटों पर बसपा, सपा और आप ने भी लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने का असफल प्रयास किया है। करीब एक पखवाड़े के चुनाव-प्रचार के शोरगुल के बीच आम मतदाताओं ने किसे मत देना है यह तय कर लिया है और शुक्रवार को अपने मन की बात ईवीएम में व्यक्त कर देगा। पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की कई सीटों पर चौंकाने वाले नतीजे आए थे। कांग्रेस को पांच और भाजपा को एक सीटें मिली थीं। इस बार भी भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दल अपनी -अपनी रणनीति बनाकर चुनाव मैदान में मोर्चा संभाले रहे। भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार अपने -अपने दल के लिए जन समर्थन जुटाने पूरी ताकत झोंक दी। जनसंपर्क, सभाओं और रोड शो के जरिए शक्ति प्रदर्शन भी हुए। मतदाता ने सभी की बात सुनी और सभी को मन ही मन तौल अब किसे मत देना है यह तय कर लिया है। 17 नवंबर शुक्रवार को मतदाता अपने मन की बात ईवीएम में व्यक्त कर देगा । आगामी 3 दिसंबर को जब मतगणना होगी तो परिणाम सामने आएंगे । राजनीतिक विश्लेषक मान कर चल रहे हैं कि कई सीटों के परिणाम सभी को चौंकाएंगे। चुनाव प्रचार अभियान में जो दिखा उसके विपरीत परिणाम भी आ सकते हैं।

इन योजनाओं पर भरोसा

राजनीतिक दलों की बात करें तो भाजपा को उसकी सरकार व्दारा किए गए विकास कार्यों, जनहित के लिए बनाई गईं योजनाएं यथा लाडली लक्ष्मी, लाडली बहना, लाडली बहनों के लिए आवास योजना, बहनों को 450 रुपये में गैस सिलेण्डर देना, किसानों को 12 हजार की सम्मान निधि देना, किसान कल्याण योजना, गरीबों को मुफ्त अनाज देना, आयुष्मान योजना से लाखों का मुफ्त इलाज कराने जैसी योजनाओं के बल पर जन विश्वास जीतकर पुन: सरकार बनने का भरोसा है। कांग्रेस ने भी महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये देने, पांच सौ रुपये में गैस सिलेण्डर देने, सौ यूनिट बिजली मुफ्त और दो सौ यूनिट आधे दाम पर देने, पुरानी पेंशन योजना शुरू करने , बच्चों को पढा़ई के लिए प्रतिमाह राशि देने, शासकीय सेवाओं में ओबीसी को आरक्षण देने जैसे वादे अपने घोषणा पत्र में किए हैं। कांग्रेस को विश्वास है कि सरकार के प्रति एंटी इनकंबेंसी और अपने वादों के दम पर वह जनविश्वास जीत लेगी।

चौंकाएंगे परिणाम

ग्वालियर दक्षिण की सीट पिछले चुनाव में भाजपा के हाथों से मात्र 121 वोटों से निकल गई थी। प्रवीण पाठक ने नारायण सिंह कुशवाह को हराकर भाजपा से यह सीट छीनी थी। इस बार फिर कांग्रेस के प्रवीण पाठक और भाजपा के नारायण सिंह के बीच सीधा और कांटे का मुकाबला है। ग्वालियर पूर्व में भाजपा की माया सिंह व कांग्रेस के सतीश सिंह सिकरवार के बीच कडा़ मुकाबला है। सतीश सिकरवार ने उप चुनाव में भाजपा के मुन्नालाल गोयल को हराकर कांग्रेस के लिए सीट बरकरार रखी थी। वहीं 2018 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे मुन्नालाल गोयल ने भाजपा उम्मीदवार सतीश सिकरवार को हराया था। उप चुनाव में दोनो के दल बदल गए थे। अब भाजपा ने यहां मुन्नालाल का टिकट काटकर माया सिंह को मैदान में उतारा है। जबकि हतीश सिकरवार कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। दोनों सीटों के परिणाम चौंकाने वाले होने की बात राजनीतिक जानकार कर रहे हैं। ग्वालियर में भाजपा के प्रघुम्न सिंह तोमर और कांग्रेस के सुनील शर्मा में टक्कर है। उप चुनाव में भाजपा के प्रघुम्न सिंह तोमर ने कांग्रेस के सुनील शर्मा को बड़े अंतर से पराजित किया था।

2018 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े प्रघुम्न सिंह तोमर ने भाजपा के जयभान सिंह पवैया को हरिया था। ग्वालियर ग्रामीण में भाजपा के भारत सिंह कुशवाह सीट बचाने की लडा़ई लड़ रहे हैं। कुशवाह का मुकाबला कांग्रेस के साहब सिंह गुर्जर से है। गुर्जर पिछला चुनाव बसपा के टिकट पर लड़े थे और मात्र छब्बीस सौ मतों से हार गए थे। अब वह कांग्रेस के टिकट पर उतरकर हार का बदला लेने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि कुशवाह को क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों की दम पर चुनाव जीतने का भरोसा है। भितरवार में कांग्रेस के लाखन सिंह अपनी सीट बचाने का दावा कर रहे हैं। यहां भाजपा के मोहन सिंह राठौड़ से उनकी टक्कर हो रही है। लाखन सिंह यहां से लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं और चौथी पारी खेलना चाहते हैं। डबरा में समधी- समधिन सुरेश राजे व इमरती देवी में जोरदार टक्कर है। उप चुनाव में कांग्रेस के सुरेश राजे ने भाजपा की इमरती देवी को हराया था तो 2018 के चुनाव में कांग्रेस की इमरती देवी ने भाजपा के सुरेश राजे को हराया था। अब इस चुनाव में भी दोनों के बीच कांटे की टक्कर हो रही है।

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