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भिंड लोकसभा सीट : टुकड़े-टुकड़े गैंग ने की देवाशीष जरारिया की पैरवी

भिंड लोकसभा सीट : टुकड़े-टुकड़े गैंग ने की देवाशीष जरारिया की पैरवी
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ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के प्रत्याशियों के नामों की अटकलों के बीच बड़े ही चौंकाने वाले अंदाज में देश के टुकड़े-टुकड़े होंगे के नारे लगाने वाली गैंग ने भिंड लोकसभा प्रत्याशी के लिए एक ऐसे नाम की सिफारिश कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से की है, जिसका नाम दो अप्रैल के उपद्रव से जुड़ा हुआ है। इससे कांग्रेस की समाज के विघटनकारी तत्वों को संरक्षण देने की मानसिकता का पता चल रहा है। भिंड विधानसभा से कांग्रेस में जिस श स का नाम उभरा है, वह देवाशीष जरारिया है, जो मूलत: ग्वालियर के मेला क्षेत्र के रहने वाले हैं। उनके द्वारा 2 अप्रैल 2018 में उपद्रव की घटना में राजा चौहान की पहचान की गई थी। बाद में शासन ने उन्हे सुरक्षा बतौर गार्ड भी उपलब्ध कराया था। इसमें सबसे खास बात यह है कि वह छात्र राजनीति का चोला उतारकर माकपा से चुनाव लड़ रहे कन्हैया कुमार एवं गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी की टीम के सदस्य हैं। यह सभी लोग विधानसभा चुनाव के पूर्व बड़े ही सुनियोजित तरीके से कांग्रेस का प्रचार करने ग्वालियर में चेंबर भवन आए थे।

भिंड लोकसभा क्षेत्र से जहां अभी तक महेंद्र बौद्ध, वारेलाल जाटव, फूल सिंह वरैया एवं अशोक अर्गल के नाम कांग्रेस से लिए जा रहे थे। जरारिया जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार एवं जिग्नेश मेवाणी के नजदीकी है और इन लोगों द्वारा सीधे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से जरारिया के नाम की सिफारिश की गई। इसमें दिग्विजय सिंह समर्थक कांग्रेस नेताओं की भी भूमिका है। जरारिया जहां रामकृष्ण आश्रम में स्कूली शिक्षा के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने के साथ टीवी चैनलों पर बहस में भी शामिल रहते हैं। वे पहले बसपा में थे, लेकिन 2 अप्रैल के उपद्रव कांड के बाद कांग्रेस में आ गए। जिससे उन कांग्रेस नेताओं को धक्का लगा है जो वरिष्ठता के नाते वहां से अपना नाम फाइनल मानकर चल रहे थे। 2 अप्रैल का उपद्रव कांड भले ही ग्वालियर में हुआ था,लेकिन यह कांड पूरे देश में विघटनकारी शक्तियों के नाम से जाना गया।

हां मेरा नाम चल रहा है

जब इस बारे में देवाशीष जरारिया से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि उनका नाम भिंड लोकसभा क्षेत्र से चल रहा है, बस घोषणा का इंतजार कर रहा हूँ। उन्होंने बताया कि वह ग्वालियर में रामकृष्ण विद्या मंदिर के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई करते थे। साथ ही दिल्ली में रहने के कारण कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी से भी संपर्क में रहते हैं।

Updated : 19 April 2019 9:54 AM GMT
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