मंडल के छह से ज्यादा रेलखंडों पर तीसरी लाइन का काम पूरा, दीपावली के बाद दतिया से झांसी के बीच दौड़ेगी ट्रेन

मंडल के छह से ज्यादा रेलखंडों पर तीसरी लाइन का काम पूरा, दीपावली के बाद दतिया से झांसी के बीच दौड़ेगी ट्रेन
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वहीं तीन रेलखंडों में ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ा दी गई है।

ग्वालियर,न.सं.। मथुरा से बीना तक डाली जा रही तीसरी लाइन का काम आखिरी दौर में चल रहा है। झांसी मंडल के छह से ज्यादा रेलखंडों में तीसरी लाइन का काम पूरा होने के बाद ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया है। वहीं तीन रेलखंडों में ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ा दी गई है। त्योहारी सीजन में रेलवे के लिए तीसरी लाइन मददगार बनेगी। रेलवे अफसरों ने इसका प्लान भी तैयार कर लिया है।

2016 में कैबिनेट ने मथुरा से झांसी तक 273.80 किमी और झांसी से बीना तक 152.57 किमी लंबी तीसरी रेल लाइन के निर्माण की मंजूरी दी थी। इसके बाद रेलवे ने तीसरी लाइन का निर्माण कार्य शुरू किया। अब झांसी मंडल में झांसी से बीना तक तीसरी लाइन का काम 90 फीसदी पूरा हो गया है। इसके बाद छह रेलखंडों में तीसरी लाइन पर ट्रेनें रफ्तार भी भर रही हैं। अब रेलवे ने तीसरी लाइन पर ललितपुर से बिजरौठा तक 29 किमी, डबरा से आंतरी तक 20 किमी और ललितपुर से जाखलौन तक 17 किमी लंबे रेलखंड में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ा दी है। अब इन सेक्शन में 110 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगीं। वहीं झांसी-कानपुर रेलवे ट्रैक पर मालसा से पामन के बीच ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई गई है। उधर बीते रोज दतिया से झांसी के बीच तीसरी लाइन पर 125 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेन दौड़ाकर ट्रायल रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मनोज अरोरा ने देखा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो दीपावली के बाद से इस ट्रैक पर तीसरी लाइन से ट्रेनें निकलने लगेंगी।

झांसी से धौलुपर तक ऐसे समझे काम को

- झांसी से दतिया-- 22 किलोमीटर (ट्रैक शुरू होना है)

- ग्वालियर से मुरैना -- 40 किलोमीटर (ट्रेनें निकलने लगी)

- दतिया से डबरा का काम--32 किलोमीटर (शुरू होना है)

- डबरा आंतरी 20 किलोमीटर (शुरू हो चुका है)

- आंतरी ग्वालियर 20 किलोमीटर पहाडिय़ा (शुरू होना है)

- मुरैना से हेतमपुर---15 किलोमीटर (काम चल रहा है)

चौथी लाइन का प्रस्ताव बोर्ड में

थर्ड लाइन के बाद रेलवे ने चौथी लाइन का भी प्रस्ताव तैयार किया है। चौथी लाइन के प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड भेज दिया है। इससे अप व डाउन के दो-दो ट्रैक हो जाएंगे। मालगाडिय़ों की वजह से यात्री ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है, क्योंकि मालगाड़ी की गति काफी कम है।

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