पुराने प्रतिद्वंदियों में फिर होगी सीधी टक्कर

पुराने प्रतिद्वंदियों में फिर होगी सीधी टक्कर
X
ग्वालियर पूर्व व भितरवार में बदले भाजपा के उम्मीदवार।

ग्वालियर। प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने का काम सोमवार को पूरा हो गया। जिले की छह विधानसभा सीटों में से चार पर पुराने प्रतिद्वंदियों के बीच सीधा मुकाबला होगा तो दो सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार तो वही हैं, लेकिन भाजपा के उम्मीदवार बदले होंगे। विधानसभा चुनाव के लिए 17 नबंवर को मतदान होना है और आज (सोमवार ) को नामांकन भरने का काम पूरा हो गया। इसके साथ ही मुकाबले की लगभग तस्वीर सामने आ गई है। ग्वालियर, ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर दक्षिण और डबरा में भाजपा- कांग्रेस के पिछले चुनाव के ही उम्मीदवार आमने- सामने होंगे और सीधा मुकाबला होगा। ग्वालियर विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर प्रद्युम्न सिंह तोमर व भाजपा के जयभान सिंह पवैया आमने -सामने थे। लेकिन प्रद्युम्न सिंह के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने पर हुए उप चुनाव में प्रद्युम्न सिंह भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे थे तो कांग्रेस से उनके मित्र सुनील शर्मा सामने आए। दोनों के बीच हुए मुकाबले में प्रद्युम्न सिंह तोमर भारी पड़े, उन्हें 33,123 मतों से जीत मिली। इस चुनाव में तोमर और शर्मा के बीच फिर सीधा मुकाबला होने जा रहा है।

यहां कांग्रेस में टिकट के कई दावेदार थे और शर्मा का टिकट होते ही अन्य दावेदार लामबंद हुए। राजनीतिक गलियारे में यहां कांग्रेस में विद्रोह की चर्चा गर्म हुई। कांग्रेस यहां असंतुष्टों का विद्रोह रोकने में सफल रही। लेकिन भितरघात की संभावनाएं यहां प्रबल हैं। दूसरे दलों से कोई अन्य उम्मीदवार मुकाबले को त्रिकोणीय बना पाएगा, इसमें संदेह है। ग्वालियर ग्रामीण सीट पर भाजपा के भारत सिंह कुशवाह मैदान में उतरे हैं तो कांग्रेस ने साहब सिंह गुर्जर को उनके सामने मैदान में उतारा है। साहब सिंह पिछले चुनाव में कांग्रेस से बगावत कर बसपा के हाथी की सवारी कर मैदान में उतरे थे। कुशवाह को गुर्जर ने कडी़ टक्कर दी और महज 1517 मतों से पराजित हुए थे।

कांग्रेस यहां तीसरे नबंर पर थी। साहब सिंह एक बार फिर मैदान में हैं और अबकी वह बसपा नहीं कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। यहां कांग्रेस से केदार कंसाना की कड़ी दावेदारी थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। टिकट कटने पर कंसाना ने तीखे तेवर भी दिखाए और उनके किसी अन्य दल के टिकट पर मैदान में उतरने की अटकलें भी जोर शोर से चलीं,लेकिन वह मैदान में नहीं उतरे। वहीं भाजपा में भी कई दावेदार सामने आए, लेकिन चुनाव लडऩे की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया। दोनों ही दलों में भितरघात की संभावनाएं जो रोक लेगा उसकी राह आसान हो जाएगी। यहां भी तीसरे नबंर पर कौन रहेगा ,यह परिणाम बताएंगे।

ग्वालियर पूर्व में पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर सतीश सिंह सिकरवार और कांग्रेस के टिकट पर मुन्नालाल गोयल मैदान में थे। जिसमें गोयल 17819 मतों से विजयी हुए थे। यहां गोयल के दलबदल कर भाजपा में आने पर परिस्थितियां बदली। यहां हुए उप चुनाव में गोयल और सिकरवार के बीच मुकाबला हुआ। लेकिन दोनों के दल बदले हुए थे। इस उपचुनाव में कांग्रेस तो जीती लेकिन उम्मीदवार सतीश सिकरवार थे। इस बार कांग्रेस से फिर सतीश सिकरवार मैदान में हैं तो उनके सामने भाजपा की श्रीमती माया सिंह हैं। यहां टिकट कटने पर मुन्नालाल गोयल ने तीखे तेवर दिखाए भी और दो दिन में ठंडे भी पड़ गए। इस सीट पर भी तीसरा दल रस्म आदायगी करता नजर आएगा। यहां सीधा मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच ही होगा।

ग्वालियर दक्षिण में पिछले चुनाव के प्रतिद्वंदी फिर आमने - सामने हैं और सीधा मुकाबला भी होगा। पिछले चुनाव में भाजपा के नारायण सिंह कुशवाह व कांग्रेस के प्रवीण पाठक में हुआ था। जिसमें पाठक मात्र 121 मतों से चुनाव जीते। कुशवाह को भाजपा की बागी पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता के निर्दलीय मैदान में उतरने का खामियाजा भुगतना पडा़। निर्दलीय समीक्षा गुप्ता 30 हजार वोट लेने में सफल रहीं थीं। कुशवाह के साथ जबरदस्त भितरघात हुआ था। इस बार भाजपा में फिर कई दावेदार उभरे ,लेकिन बगावत कोई नहीं कर पाया। तीसरा कोई अन्य दल यहां प्रभावी उपस्थिति दर्ज कर पाएगा, इसमें संदेह ही है।

भितरवार सीट पर कांग्रेस ने अपने पुराने विधायक लाखनसिंह यादव पर ही भरोसा कर एक और अवसर दिया है। जबकि भाजपा ने कांग्रेस से भाजपा में आए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मोहन सिंह राठौड़ को कांग्रेस का किला ढहाने का जिम्मा सौंपा है। डबरा विधानसभा से पुराने प्रतिद्वंदी इमरती देवी और सुरेश राजे फिर आमने सामने हैं और सीधी टक्कर उनके बीच होगी। कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहीं इमरती देवी ने भाजपा का दामन थामा और उप चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे पुराने भाजपाई सुरेश राजे से हार गईं थीं। बसपा ने सत्यप्रकाशी परसेडिय़ा को मैदान में उतारा है। वह मुकाबले को कितना त्रिकोणीय बना पाएंगी, यह चुनाव परिणाम बताएंगे।

Tags

Next Story