कम अंतर वाली सीटों पर भाजपा-कांग्रेस की होगी कांटे की लडा़ई। डीके जैन

कम अंतर वाली सीटों पर भाजपा-कांग्रेस की होगी कांटे की लडा़ई। डीके जैन
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अब 17 नबंवर को होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सपा, आम आदमी पार्टी मोर्चा संभाल चुकी हैं।

ग्वालियर। अंचल की एक दर्जन ऐसी सीटों जिन पर पिछले चुनाव में हार- जीत का अंतर कम था उन पर भाजपा -कांग्रेस का फोकस है और इन सीटों पर कांटे की लडा़ई होगी। दोनों ही दल इन सीटों के लिए अपनी -अपनी रणनीति बनाकर चनाव मैदान में मोर्चा संभाल चुके हैं और चुनावी जंग शुरू हो गई है। अब बाजी किसके हाथ रहेगी ,यह 17 नबंवर को जनता तय करेगी। पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो ग्वालियर -चंबल संभाग की एक दर्जन सीटें ऐसी थीं, जिन पर हार - जीत का अंतर कम था। कुछ सीटों पर अंतर पांच हजार से कम था तो कुछ सीटों पर दस हजार से कम। ग्वालियर दक्षिण की सीट भाजपा के हाथों से मात्र 121 वोटों से निकल गई थी। कांग्रेस के युवा प्रत्याशी प्रवीण पाठक ने भाजपा सरकार के मंत्री नारायण सिंह कुशवाह को पराजित कर सभी को चौंका दिया था। हांलाकि श्री कुशवाह की हार का कारण भाजपा की बागी पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता रहीं जिन्हें 30 हजार के करीब वोट मिले थे। वहीं भाण्डेर की सीट पर उपचुनाव में रक्षा संतराम सिरौनिया को महज 161 मतों से जीत मिली । उन्होंने कांग्रेस के फूलसिंह वरैया को पराजित किया था। रक्षा संतराम ने वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मैदान संभाला तो उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर। पांच हजार से कम हार-जीत वाली सीटों में शिवपुरी जिले की कोलारस सीट भी शामिल रही।

यहां भाजपा के वीरेन्द्र रघुवंशी ने कांग्रेस के महेन्द्र यादव को 720 वोटों से शिकस्त दी। वीरेन्द्र रघुवंशी भाजपा छोड़ कांग्रेस में चले गए । शिवपुरी से दावेदारी भी की ,लेकिन कांग्रेस ने उन्हें कहीं से भी टिकट नहीं दिया है। ग्वालियर ग्रामीण सीट पर भाजपा के भारत सिंह कुशवाह ने बसपा के साहब सिंह गुर्जर को 1517 मतों से हराया। अब साहब सिंह कांग्रेस के टिकट पर फिर मैदान में हैं। दतिया में भाजपा के कद्दावर नेता , प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को राजेन्द्र भारती ने कडी़ टक्कर दी और मात्र 2656 मतों से पराजित हुए थे। अब फिर दोनों के बीच ही कडा़ मुकाबला होने जा रहा है।वहीं विजयपुर में कांग्रेस के रामनिवास रावत भाजपा के सीताराम आदिवासी से 2840 मतों से हार गए थे। सीताराम की जगह अब बाबूलाल मेवरा भाजपा के टिकट पर रामनिवास रावत से दो- दो हाथ करेंगे। पिछोर में भाजपा के प्रीतम लोधी 2675 वोटों से कांग्रेस के केपी सिंह से हारे। वह भाजपा के टिकट पर इस बार भी मैदान में उतर गए हैं।लेकिन उनके सामने केपी सिंह नहीं हैं। मुंगावली में भाजपा के कृष्णपाल सिंह 2136 मतों से पराजित हुए थे। चंदेरी में भाजपा के भूपेन्द्र द्विवेदी 4175 तो अटेर में कांग्रेस के हेमंत कटारे 4978 मतों से पराजित हुए थे। दस हजार से कम मतों से हार- जीत वाली सीट में अंचल की अंबाह सीट शामिल थी। यहां निर्दलीय नेहा किन्नर 7547 मतों से तो पोहरी में बसपा के कैलाश कुशवाह 7918 मतों से पराजित हुए थे। इसी प्रकार सबलगढ से बसपा के लालसिंह केवट 8737, लहार में भाजपा के रसाल सिंह 9073, अशोकनगर में भाजपा के लड्डूराम 9730 और चाचौडा में भाजपा की ममता मीणा को 9797 मतों से पराजय मिली थी।

ले तीन उम्मीदवार

अब 17 नबंवर को होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सपा, आम आदमी पार्टी मोर्चा संभाल चुकी हैं। कांग्रेस ने दो सूचियों में अपने उम्मीदवार का ऐलान किया । अंचल में असंतोष और विद्रोह के चलते तीन सीटों पर उम्मीदवार बदले। पिछोर में शैलेन्द्र सिंह की जगह अरविंद लोधी, दतिया में अवधेश नायक की जगह राजेन्द्र भारती और सुमावली में कुलदीप सिकरवार के स्थान पर अजब सिंह कुशवाह को टिकट दे दिया। जबकि भाजपा ने अपनी पहली सूची सबसे पहले जारी कर सभी को चौंका दिया था। इस सूची में चाचौडा़ से प्रिंयका मीणा, पिछोर से प्रीतम लोधी, सबलगढ़ से सरला रावत, लहार से अम्बरीश शर्मा को उम्मीदवार घोषित कर दिया था। बाद की सूचियों में भाजपा ने मुरैना जिले की दिमनी सीट से केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को मैदान में उतार दूसरे खेमे में हडक़ंप मचा दिया था। वहीं मेहगांव से ओपीएस भदौरिया, भांडेर में रक्षा संतराम सिरोनिया का टिकट काटकर यह संदेश भी दिया कि चुनाव जीतने के लिए कोई समझौता नहीं चलेगा। गुना सीट पर काफी असमंजस के बाद दो रोज पूर्व ही अपने विधायक गोपीलाल जाटव का टिकट काट पूर्व विधायक पन्नालाल को मैदान में उतारा है। कांग्रेस उम्मीदवारों के एलान में भाजपा से पिछड़ गई । नवरात्रि पर्व के पहले दिन उसने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की तो दूसरी सूची में सभी नामों की घोषणा की।

कांग्रेस ने शिवपुरी में वीरेन्द्र सिंह रघुवंशी की दावेदारी को दरकिनार कर पिछोर विधायक केपी सिंह को मैदान में उतारकर अपने इरादे जाहिर किए। वहीं दतिया में भाजपा छोडक़र कांग्रेस में आए अवधेश नायक को तो सुमावली में उपचुनाव जीतने वाले अजब सिंह कुशवाह के स्थान पर युवा चेहरे कुलदीप सिकरवार को मैदान में उतारा। दोनों ही जगह तीखे विरोध के चलते कांग्रेस अपने उम्मीदवार बदलने को मजबूर हुई। दतिया में अवधेश नायक की जगह राजेन्द्र भारती, सुमावली में कुलदीप सिकरवार की जगह अजब सिंह कुशवाह को टिकट दिया। वहीं पिछोर में तमाम अंतरविरोध के बाद केपी सिंह को तो पिछोर नहीं भेजा, पर शैलेन्द्र सिंह की जगह अरविंद लोधी को मैदान में उतार दिया। कांग्रेस के उम्मीदवारों को अशोकनगर, सेवढा़, भाण्डेर, मुरैना, जौरा, सबलगढ़, गोहद, श्योपुर, विजयपुर, शिवपुरी, कोलारस , पोहरी, ग्वालियर, ग्वालियर ग्रामीण और डबरा सीट पर अपनों के विरोध का सामना भी करना पडा़। हांलाकी कांग्रेस बडा़ विद्रोह रोकने में तो कामयाब रही। लेकिन असंतुष्टों के भीतरघात को रोकने की बड़ी चुनौती अभी उसे झेलना है। बसपा की नजर लहार, भिंड, सबलगढ़, जौरा, सेवढा़, पोहरी, मेहगांव , मुरैना, सुमावली जैसी सीटों पर है तो सपा को अटेर से और आप को चाचौड़ा से आस है। यहां दोनों सीटों पर भाजपा के बागियों को सपा व आप ने मैदान में उतारा है।

उपचुनाव में यह रहे परिणाम

कांग्रेस की कमलनाथ सरकार से विभिन्न मुद्दों पर 22 विधायकों के इस्तीफा देने से वर्ष 2020 में उपचुनाव कराए गए। उप चुनाव में अंचल की चार विधानसभा सीटों पर हार-जीत का अंतर 10 हजार से कम रहा। इन सीटों में भांडेर सीट पर कांग्रेस के फूलसिंह वरैया को 161 मतों से पराजय झेलना पडी़ थी। भाजपा से उम्मीदवार रक्षा संतराम सिरोनिया ने उन्हें पराजित किया। इस बार के चुनाव में भी दोनों प्रतिद्वंदी अपने -अपने दल से टिकट के प्रमुख दावेदार थे। वरैया को तो कांग्रेस ने मैदान में उतार दिया। लेकिन भाजपा ने रक्षा संतराम की जगह पूर्व विधायक घनश्याम पिरौनिया को टिकट दिया है। मुरैना में राकेश मावई 5751, ग्वालियर पूर्व में कांग्रेस के सतीश सिकरवार 8555, डबरा में कांग्रेस के सुरेश राजे 7633 मतों से चुनाव जीते थे ।

अब 17 नबंवर को होने वाले चुनाव के लिए ग्वालियर पूर्व में सतीश सिकरवार फिर मैदान में हैं तो भाजपा की ओर से मुन्नालाल गोयल की जगह माया सिंह मैदान में उतरी हैं। मुरैना में उपचुनाव में पराजित रघुराज सिंह भाजपा के टिकट पर फिर मैदान में हैं तो कांग्रेस ने उम्मीदवार बदलकर दिनेश गुर्जर को टिकट दिया है। भाजपा के बागी राकेश रुस्तम सिंह यहां हाथी की सवारी कर बैठे हैं तो सुमावली में कांग्रेस व्दारा टिकट देकर वापस लेने से नाराज कुलदीप सिकरवार भी बसपा के टिकट पर मैदान में आ गए हैं। लहार में पूर्व विधायक रसाल सिंह बसपा के हाथी की तो अटेर में पूर्व विधायक मुन्नासिंह भदौरिया साइकिल की सवारी कर बैठे हैं। भिंड में संजीव कुशवाह भी फिर बसपा से मैदान में उतर गए हैं। इसी प्रकार चाचौड़ा में ममता मीणा आप तो पोहरी में प्रघुम्न वर्मा बसपा के टिकट पर चुनाव लडऩे आ गए हैं।

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