चंबल अंचल मे बागियो पर निर्भर रहा है बसपा व सपा का अस्तित्व

ग्वालियर। विधानसभा चुनाव 23 के लिए प्रदेश के मुख्य राजनेतिक दल कॉंग्रेस व भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये है ग्वालियर–चम्बल अंचल के अधिकांश विधान सभा क्षेत्र मे मुक़ाबले की तस्वीर की धुन्ध छटने लगी है लेकिन ग्वालियर -चम्बल अंचल मे समीकरण विगाडऩे की हेसियत तीसरा दल बसपा व सपा जरूर रखते है जो उम्मीदवार सूची जारी करने मे अभी तक पीछे है इस अंचल मे बसपा का प्रभाव 1989-90 से बढ़ा है वह सम्मानजनक वोट हासिल करने के साथ बागियो की दम पर कुछ विधानसभा जीते भी है लेकिन अब धीरे धीरे बसपा का अस्तित्व कम भी हो रहा है यही बजह है कि बसपा को अन्य राजनेतिक दल के बागियो का टिकिट के लिए इंतजार करना पड़ता है बसपा व सपा फिलहाल सभी सीटो पर अपने उम्मीदवार उतारने मे पीछे है
भिंड जिले की पाच विधानसभाओ मे भाजपा व काँग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये है जो प्रचार के लिए चुनाव मेदान मे उतर चुके है भाजपा के भिंड से नरेंद्र सिंह कुशवाह ,मेहगाव से राकेश शुक्ल , गोहद से लाल सिंह आर्य , अटेर से डॉ अरविंद सिंह भदोरिया, लहार से अंबरीष शर्मा चुनाव मेदान मे है जबकि काँग्रेस के भिंड से चो राकेश सिंह ,मेहगाव से राहुल सिंह भदोरिया , गोहद से केशव देशाई , अटेर से हेमंत कटारे व लहार से डॉ गोविंद सिंह है, बसपा ने अभी तक केवल दो सीट लहार से रसाल सिंह व भिंड से रक्षपाल सिंह का टिकिट घोषित किया है ये दोनों ही नेता भाजपा के बागी है, सपा के केवल संभावित प्रत्यासियो की चर्चा है लेकिन अधिकृत रूप से घोषित कोई नही है जाहिर है कीमत चुकाने वाले बागियो का इंतजार है
यदि भिंड जिले के चुनावी परिणाम के इतिहास पर नजर डाले तो भिंड, मेहगाव व गोहद व विलोपित सीट रौन से बसपा ससपा व सपा के उम्मीदवार एक दो बार जीते है , भिंड विधान सभा मे बसपा ने 2018 के चुनाव मे विजय हासिल की थी इस सीट से भाजपा के बागी संजीव सिंह कुशवाह चुनाव जीते थे इसके अलावा सपा से भाजपा के वागी नरेंद्र कुशवाह व रविसेन जेन जीते तो नही लेकिन सम्मान जनक बोट जरूर ला चुके है,1993 मे बसपा जब प्रभाव मे आई तब वह जिले के दो विधान सभा क्षेत्र मेह्गाव व गोहद मे अपने मूल कार्यकर्ताओ को विजयी बनाने मे सफल रही ,मेह्गाव से डॉ नरेश गुर्जर व गोहद से चतुरी लाल बरहदिया जीते थे 1998 मे रौन विधान सभा से सपा के रसाल सिंह चुनाव जीते उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा रही, 2003 विधान सभा चुनाव मे फिर बसपा के बागी मुन्ना नरवरिया बरया की पार्टी से चुनाव जीते थे उसके बाद 2018 मे भाजपा के बागी संजीव सिंह कुशवाह को दूसरी बार मे विजय श्री मिली, यदि इन आकड़ों सवीक्षा करे तो मेह्गाव गोहद मे मूल बसपा जीती है जबकि भिंड व रौन मे भाजपा के बागी जीते है
2023 चुनाव मे क्या है तीसरे दलों कीस्थिति
विधान सभा चुनाव 23 मे बसपा के जिन दो सीटो लहार व भिंड मे प्रत्यासी घोषित हो चुके है वे दोनों ही भाजपा के बागी हाथी पर सबार है रसाल सिंह लहार से लगातार 2013 व 2018 का चुनाव भाजपा से लड़ चुके है लगातार तीसरी बार टिकिट न मिलने पर बागी हो गए है बही भिंड विधानसभा से बसपा उम्मीदवार रक्षपाल सिंह कुशवाह है जो भाजपा उभरते युवा कार्यकर्ता है इसके अलावा भाजपा के रविसेन जेन ने भी चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है किस दल से आएंगे इसका खुलासा नही है अटेर मे भाजपा के दो बार के विधायक रहे मुन्ना सिंह भदोरिया ने भाजपा से त्याग पत्र दे दिया है चुनाव लडऩे की स्थिति अब तक स्पस्ट नही है मेहगाव मे भी अभी तक बसपा व सपा के उम्मीदवार घोषित नही है यहा भी बसपा व सपा को काँग्रेस ब भाजपा के बागियो का इंतजार है
जिले मे तीसरे दल के कब कहा से जीते प्रत्यासी
चुनाव बर्ष | प्रत्यासी नाम | दल का नाम | विधानसभा क्षेत्र | प्राप्त मत | निकटतम |
1993 | चतुरीलाल बरहदिया | बसपा | गोहद | 21235 | काँग्रेस |
1993 | डॉ नरेश सिंह गुर्जर | बसपा | महगाव | 21317 | भाजपा |
1998 | रसाल सिंह | सपा | रौन | 21501 | बसपा |
2003 | मुन्ना नरवरिया | ससपा निर्दलीय | महगाव | 24277 | भाजपा |
2018 | संजीव सिंह कुशवाह | बसपा | भिंड | 69170 | भाजपा |
