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कोरोना के डर से अभिभावक इस वर्ष बच्चों को नहीं भेजेंगे विद्यालय

कोरोना के डर से अभिभावक इस वर्ष बच्चों को नहीं भेजेंगे विद्यालय
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ग्वालियर, न.सं.। शहर में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। संक्रमण का यह खतरा छोटे बच्चों को अधिक है। अत: बच्चों के अभिभावकों ने तय किया है कि इस वर्ष वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे और बच्चों को घर पर ही स्वयं व ऑनलाइन पढ़ाएंगे। वहीं सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा एलकेजी से 12 तक 3 लाख 68 हजार बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई जिससे बच्चों का कोर्स पिछड़ नहीं जाए। निजी स्कूल संचालकों ने भी स्कूल खुलने से पहले बच्चों के लिए अपने-अपने प्लान तैयार कर लिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि जुलाई माह में स्कूल नहीं खोले जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण 24 मार्च से शहर के निजी एवं सरकारी स्कूल बंद है। बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है। भविष्य में स्कूल खुलने पर भी अभिभावक अपने छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं है। अभिभावकों का कहना है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन बनकर नहीं आ जाती है और कोरोना समाप्त नहीं हो जाता है, वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। छोटे बच्चों को घर पर ही पढ़ाएंगे। शहर में इस समय 1 लाख 26 हजार बच्चे सरकारी स्कूलों में और 2 लाख 42 हजार बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। इसी प्रकार शहर के कोचिंग

ऑनलाइन पढ़ाई की समीक्षा बैठक हुई:-

लक्ष्मीबाई स्मारक उ.मा. विद्यालय नई सडक़ लश्कर में ऑनलाइन पढ़ाई की समीक्षा बैठक गत दिवस विद्यालय के प्राचार्य जगदीश श्रीवास ने ऑनलाईन ली। इस बैठक में पढ़ाई की व्यवस्था, अभिभावकों की रूचि एवं छात्रों की समस्याओं पर चर्चा की गई। विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं में अशोक चौहान, आयुष श्रीवास्तव, भुवन केन एवं नरेन्द्र धाकड़ ने अपने-अपने अनुभवों से अवगत कराया। श्रीमती राज जादौन ने छात्रों के उत्साहवर्धन की प्रशंसा की। इसमें सविता शर्मा, मोनू दीक्षित, किरण जादौन एवं मधु उपाध्याय ने विषय वार बिंदु रखे। कम्प्यूटर शिक्षिका इन्द्रमणि जैन एवं प्रियंका शर्मा ने पढ़ाई में होने वाली तकनीकि समस्याओं से भी अवगत कराया। कोरोना के कारण अप्रैल माह से ही विद्यालय में ऑनलाइन शिक्षा के साथ योगा भी कराया जा रहा है।

इनका कहना है:-

'सरकारी गाइड लाइन आने के बाद ही स्कूलों को किस प्रकार खोलना तय किया जाएगा। शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के 1 लाख 26 हजार बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। इसमें दूरदर्शन का भी अहम योगदान है।'

अशोक दीक्षित

एडीपीसी, शिक्षा विभाग

'मेरे दो बच्चे हैं जो कक्षा 3 और 7 में पढ़ते हैं। कितना भी प्रयास कर लो बच्चे कोरोना से बचाव के नियम का पालन किसी भी कीमत पर नहीं कर सकते हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए हम इस वर्ष अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे, घर पर ही पढ़ाएंगे।'

श्रीमती शोभना सिंह, अभिभावक

'मेरा बेटा आयुष ईसीएस बेगलेस स्कूल में कक्षा चार में पढ़ता है। मैं अपने बच्चे को इस वर्ष तो स्कूल नहीं भेजूंगी। एक वर्ष कम पढ़ लेगा तो कुछ नहीं होगा मगर कोरोना के संक्रमण से तो दूर रहेगा।'

श्रीमती नीरू सगर, अभिभावक

'वैसे तो सरकारी गाइड लाइन के अनुसार स्कूल खुलेंगे और बच्चों की पढ़ाई होगी। हम अपनी तरफ से दो शिफ्टों में स्कूल चलाएंगे और 50 प्रतिशत बच्चों को स्कूल में बुलाएंगे। मास्क लगाने वाले बच्चों को ही स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग भी होगी।'

राघवेन्द्र सिंह तोमर, चेयरमेन माउन्ट लिट्रा जी स्कूल

'हम स्कूल को दो शिफ्टों में अलटरनेट चलाएंगे। 40 की जगह 10 बच्चे ही आएंगे। बच्चों को एक साथ लंच करने, खेलने पर पाबंदी रहेगी।'

अमित जैन, चेयरमेन एबनेजर हायर सेकेण्डरी स्कूल

'बच्चों को मास्क लगाकर और हाथ धुलवाकर ही प्रवेश दिया जाएगा। कक्षा में ही प्रार्थना होगी। भीड़ वाले कोई कार्यक्रम नहीं होंगे। जिस बच्चे का तापमान अधिक होगा उसे अलग कमरे में बैठाया जाएगा और माता-पिता को बुलाकर बच्चे को घर भेज दिया जाएगा। '

मनोज तिवारी

प्राचार्य, सरस्वती शिशु मंदिर सरस्वती नगर

'चाहे सरकार गाइडलाइन जारी कर दे या स्कूल संचालक स्कूल खोलने की घोषण कर दें निकट भविष्य स्कूल खुलने के लिए उपयुक्त नहीं है और ना ही अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजेंगे। प्रस्तावित सरकारी गाइडलान का अधिकांश स्कूल पालन भी नही कर पाएंगे क्योंकि क्योंकि उनके पास साधन ही नहीं है।'

सुधीर सप्रा

अध्यक्ष,पेरेंट्स एसोसिएशन ग्वालिय

Updated : 17 Jun 2020 1:00 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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