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डॉ मीरा वर्मा ने कारगिल युद्व के दौरान सैनिकों का उपचार किया, अब लाखों रूपए खर्च कर मुरार प्रसूति गृह में बनवाएंगी रैनबसेरा

ग्वालियर शहर की रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल डा.मीरा वर्मा ने कारगिल युद्व में घायल हुए सैनिकों का इलाज किया। रिटायर्ड होने के बाद भी उनका देश की सेवा करने का जज्बा कम नहीं हुआ। अब वह समाज की सेवा में जुट गई हैं।

डॉ मीरा वर्मा ने कारगिल युद्व के दौरान सैनिकों का उपचार किया, अब लाखों रूपए खर्च कर मुरार प्रसूति गृह में बनवाएंगी रैनबसेरा
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ग्वालियर। कारगिल युद्व में सैनिकों की सेवा करने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) डॉ मीरा वर्मा अब समाज की सेवा में जुट गई हैं। शहर की डा.मीरा वर्मा ने कारगिल युद्व में कई घायल सैनिकों का इलाज करके उनकी जान बचाई और अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दिया। शादी भी नहीं की। आर्मी से रिटायर्ड होने के बाद भी उनका देश की सेवा करने का जज्बा कम नहीं हुआ। लगभग 60 वर्ष की उम्र में भी लोगों की सेवा और प्रकृति को संवारने का काम कर रही हैं। जहां नगर निगम और प्रशासन लोगों की देखरेख में विफल हो रहा है वहां डॉ.मीरा पहुंचकर परेशानीयों को देखकर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयत्न करती हैं।


चौराहा पर लगवाए हजारों पौधे, टैंकर वाले को 30 से 40 हजार रूपए देकर डलवाती हैं पानी -

पौधे तो कई सामाजिक संस्थाएं लगवा देती है, नगर निगम भी शहर को हराभरा रखने के लिए पौधे लगवाता है लेकिन डॉ. मीरा पौधे तो लगवाती हैं साथ ही हर दिन उन पौधों को पानी भी दिलवाती हैं। उन्होंने जहां-जहां पौधे लगवाए उनको हराभरा रखने के लिए टैंकर से पानी डलवाती हैं। जिसके लिए हर माह 30 से 40 हजार रूपए का पेमेंट भी करती हैं।

मुरार प्रसूति गृह में लगवाए शेड और पौधे -


मुरार प्रसूति गृह में लोगों के लिए छाव में बैठने जगह नहीं थी, प्रसूता के अटेंडर्स को धूप में बाहर खड़े रहना पड़ता था। उनकी परेशानी को देखते हुए शेड और पौधे लगवाए। पौधे लगाकर हॉस्पिटल के परिसर को हराभरा कर दिया। परिसर में ठंडक रहने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।

द्वारिकाधीश मंदिर में लगवाए शेड और रेलिंग -

कुम्हारपुरा स्थित द्वारिकाधीश मंदिर में डेढ़ लाख से अधिक रूपए के शेड और रेलिंग लगवाए। मंदिर परिसर में महिलाएं सावन की पूजा के दौरान मिट्टी की शिवलिंग बनाकर पूजा करती थी। लेकिन बारिश होने की वजह से मिट्टी की बनी शिवलिंग खराब हो जाती थी। इसको देखते हुए शेड लगवाए जिससे महिलाएं शिवलिंग की आराम से पूजा करती है। वहीं रेलिंग से असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए लगवाई साथ ही मंदिर प्रांगण की सुंदरता को भी बढ़ाया।

मुरार प्रसूति गृह में बनेगा रैनबसेरा -

मुरार प्रसूति गृह में लोगों के ठहरने के लिए रैनबसेरा बनवाने के लिए ग्वालियर कलेक्टर को आवेदन कर स्वीकृति मांगी है। स्वीकृति मिलते ही प्रसूति गृह में 6000 स्क्वायर फीट के एरिया में लगभग 8 से 10 लाख के खर्च कर लोगों के लिए रैनबसेरा बनवाउंगी जल्द ही काम शुरू होगा।

Updated : 13 April 2024 12:49 PM GMT
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