लधेड़ी अस्पताल से छीना जाएगा प्रसूति गृह का दर्जा. CMHO शासन को जल्द भेजेगा प्रस्ताव

ग्वालियर, न.सं.। पंडित दीनदयाल उपाध्याय शासकीय अस्पताल को भले ही प्रसूति गृह का दर्जा मिला हुआ है। लेकिन यहां इस वर्ष एक भी प्रसव नहीं हुए हैं। उक्त खबर का प्रकाशन स्वदेश ने 14 दिसम्बर के अंक में प्रमुख्ता के साथ प्रकाशित किया था। इसी के चलते अब अस्पताल से प्रसूति गृह को खत्म करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
दरअसल किलागेट घास मंडी में एक भी स्वास्थ्य केन्द्र न होने के चलते सांसद एवं विधायक निधी से लधेड़ी पर शासकीय अस्पताल के भवन का निर्माण कराया गया था, जिसका शुभारम्भ वर्ष 2004 में किया गया। कार्यक्रम में तत्कालीन राज्यसभा सांसद माया सिंह, सांसद जयभान सिंह पवैया के अलावा तत्कालीन विधायक नरेन्द्र सिंह तोमर एवं तत्कालीन महापौर पूरन सिंह पलैया अतिथ्यिों के रूप में मौजूद थे। अस्पताल के शुभारम्भ के बाद तानसेन नगर में वर्ष 2004 के पूर्व तक एक किराए के भवन में संचालित तानसेन पॉली क्लीनिक को उक्त भवन में स्थानांरित कर दिया गया। साथ ही गंदी बस्ती लधेड़ी डिस्पेंसरी को भी इस भवन में मर्ज कर लिया गया। इसके बाद उक्त अस्पताल का नाम पं. दीनदयाल उपाध्याय शासकीय औषधालय रखा गया। लेकिन वर्ष 2012 में अस्पताल को प्रसूति गृह का दर्ज प्राप्त हुआ तो इसका नाम घासमण्डी लधेड़ी स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय शासकीय औषधालय एवं प्रसूति गृह रखा गया। लेकिन इस वर्ष उक्त अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा होने के बाद भी एक भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया। इसलिए अब अस्पताल से प्रसूति गृह का दर्जा खत्म करने के लिए शासन को पत्र लिखा जा रहा है। सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि लधेड़ी प्रसूति गृह जिस जगह बना है, वहां प्रसव सुविधा शुरू कराने में काफी परेशानी होगी। क्योंकि प्रसूति गृह का भवन तो बना हुआ है, लेकिन भवन तक पहुंचने के लिए सकरी गलियां हैं। ऐसे में प्रसव सुविधा शुरू नहीं कराया जा सकती। इसलिए लधेड़ी से प्रसूति गृह का दर्जा खत्म करने के लिए भोपाल वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा हुई है। अधिकारियों ने उनसे प्रस्ताव मांग है, जल्द ही प्रस्ताव भोपाल भेज दिया जाएगा।
2012 में हुआ था पहला प्रसव
अस्पताल में पहला प्रसव वर्ष 2012 में हुआ था। इसके बाद यहां प्रसव सुविधा तीन वर्षों तक बंद रही। लेकिन वर्ष 2016 में त्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया के प्रयासों से दिसंबर 2016 में इसको दोबारा प्रसूति गृह का दर्जा मिला और प्रसव भी हुए। लेकिन अब यहां प्रसव की सुविधा पूरी तरह बंद हो गई है।
बिरला नगर प्रसूति गृह में भेजा जाएगा स्टाफ
बिरला नगर प्रसूति गृह का नया भवन तीन से चार माह में पूरा हो जाएगा। इस लिए लधेड़ी प्रसूति गृह के चिकित्सकों व स्टाफ को बिरला नगर प्रसूति गृह में भेज दिया जाएगा। जिससे प्रसूताओं व गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी।
संचालित होगी सिर्फ सामान्य ओपीडी
प्रसूति गृह का दर्ज खत्म करने का प्रस्ताव अगर शासन स्तर पर स्वीकृत होता है तो लधेड़ी अस्पताल में सिर्फ सामान्य ओपीडी की संचालित की जाएगी। जिससे मरीजों को छोटी मोटी बीमारियों के लिए बड़े अस्पताल में न जाना पड़े।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भोपाल वरिष्ठ अधिकारियों को लधेड़ी प्रसूति गृह की स्थिति से अवगत करा दिया गया है। जल्द ही प्रसूति गृह का दर्जा खत्म करने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।
डॉ. मनीष शर्मा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
