विश्व लकवा दिवस पर विशेष: युवाओं को भी अपनी जद में ले रहा पैरालाइसिस: डॉ. गुप्ता

ग्वालियर। पैरालाइसिस भारत में जहां बेहद तेजी से फैल रहा है। कभी बुजुर्गो या बढ़ती उम्र के लोगों को शिकार बनाने वाला रोग पैरालाइसिस अब युवाओं को भी अपनी जद में ले रहा है। अचानक मुंह टेढ़ा हो जाना, एक या कभी दोनों हाथ-पैर का काम करना बंद होने के मरीज बढ़ रहे हैं। मस्तिष्क में रक्त आपूर्ति रुकने, नस फटने से कोशिकाओं के आसपास खून भर जाना बड़ी समस्या बनने लगा है। यही लकवा, स्ट्रोक या फालिज है। बीआईएमआर अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ गुप्ता के अनुसार लकवे के लक्षणों को जल्द पहचानना जरूरी है। भारत में हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति को लकवा होता है। इसके अलावा प्रति 4 मिनट में एक व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि
ब्रेन की नस का ब्लॉकेज खोलने के लिए विशेष इंजेक्शन (टीपीए) या यांत्रिक थ्रोम्बेक्टोमी के द्वारा इलाज सम्भव है। लेकिन यह उपचार भी मरीज को लकवा के शिकार होने के कुछ ही घंटों के अंदर सम्भाव है। इसलिए लक्षणों को जल्द पहचानना जरूरी है।
क्या है पैरालाइसिस
डॉ. गुप्ता के अनुसार पैरालाइसिस एक तरह का अटैक है। जब पैरालाइसिस अटैक आता है तो दिमाग में ब्लड की सप्लाई बंद हो जाती है। इससे दिमाग की नसें या तो बंद हो जाती है या फिर इसके परिणाम ब्रेन हेमरेज के रूप में सामने आते हैं। एक सर्वे के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष 1,85,000 लोगो को स्ट्रोक होता है। इसमें बच्चों से लेकर युवा व बुजुर्ग शामिल हैं। जबकि पहले यह बीमारी बुजुर्गों में भी देखने को मिलती थी।
लकवे के लक्षण
- शरीर के एक हिस्से में अचानक कमजोरी आ जाती है
- मरीज चलते समय लडख़ड़ा में लगता है
- आंखों में धुंधलापन होने लगता है और दो दो चीजें दिखाई देनी शुरू हो जाती हैं।
- जुबान भी लडख़ड़ाने लगती है और आदमी तुतलाने लगता है।
- हाथ पैर सुन होने लगते हैं और चेहरा भी टेढ़ा होने लगता है।
यह करे बचाव
पैरालाइसिस अटैक से बचने के लिए ब्लड प्रेशर को नियंत्रण रखना चाहिए। डायबिटीज भी कंट्रोल होनी चाहिए। मोटापा नहीं होना चाहिए। वाकिंग जरूर करनी चाहिए। शराब नहीं पीनी चाहिए। धूम्रपान बीड़ी सिगरेट आदि नहीं करना चाहिए। हाई कोलेस्ट्रॉल वाली चीजें जैसे बर्गर मोमोज चाऊमीन पिक्चर मीट आदि नहीं खाना चाहिए।
