सड़क पर दौड़ रहे वाहनों से निकलने वाला धुंआ वातावरण में बढ़ा रहा प्रदूषण, बच्चे बन रहे सांस रोगी

ग्वालियर,न.सं.। सडक़ पर दौड़ रहे वहानों से निकलने वाला काला धुंआ बड़ों से लेकर बच्चों को सांस रोगी बना रहा है। वाहनो से निकलने वाले धुआं में एनओएक्स,एसओ2 सहित अन्य हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है। जो वातावरण को प्रदूषित करती है और प्रदूषित वातवरण में सांस लेना कई बीमारियों जन्म देता है।
शहर की सडक़ो पर दौड़ रहे पुराने टेंपो और दूसरे वाहनों से निकल रहा काला धुआं आमजन की सांस में 3 माइक्रो ग्राम तक कार्बन मोनोऑक्साइड जैसा खतरनाक धीमा जहर घोल रहा है। सांसों में समा रहे इस धुएं से एलर्जी से जुड़ी 11 बीमारियां होने का खतरा है। सावधानी न बरती तो त्वचा, आंख और श्वास संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। खासकर बच्चों की स्किन और शरीर ज्यादा संवेदनशील होने के कारण विपरीत प्रभाव की संभावना ज्यादा है। प्रशासन, नगर निगम और प्रदूषण विभाग हवा में घुल रहे इस जहर को नियंत्रित करने के दावे कर रहे हैं। इन दावों की हकीकत जानने के लिए स्वदेश ने मुरार, किलागेट, फूलबाग, महाराज बाड़ा सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर वास्तविकता परखी, तो औसतन प्रति 10 मिनट में 25 टेंपो निकले, इनमें से 20 काला धुआं छोड़ रहे थे। उधर शुक्रवार को भी महाराज बाड़ा व सिटी सेंटर की सबसे ज्यादा हवा खराब रही।
इन मार्गों पर जाएं तो मास्क जरूरी
बारादरी, तानसेन होटल तिराहा, स्टेशन चौराहा, पड़ाव चौराहा, फूलबाग चौराहा, शिंदे की छावनी, फालका बाजार, ऊंट पुल, हुजरात, रॉक्सी पुल और महाराज बाड़े पर चलने वाले विक्रम टेंपो से काला धुआं निकलता है, इनके बेतरतीब खड़े होने से यातायात भी अवरुद्ध रहता है।
मुरार से कंपू
बारादरी, थाटीपुर तिराहा, गोविंदपुरी तिराहा, सचिन तेंदुलकर मार्ग चौराहा, हाईकोर्ट तिराहा, राजमाता विजयाराजे सिंधिया चौराहा, माधवनगर गेट, चेतकपुरी चौराहा, अचलेश्वर चौराहा, जेएएच चौराहा, केआरजी के सामने, कंपू तिराहो पर इंजन स्टार्ट कर खड़े विक्रम टेंपो लगातार धुआं छोड़ते हैं।
हजीरा से बाड़ा
हजीरा चौराहा, तानसेन नगर, स्टेशन (लक्ष्मणपुरा रेलवे क्रॉसिंग), पड़ाव चौराहा, फूलबाग पर खड़े टेंपो काला धुआं छोड़ते हैं। और उधर प्रदूषण नहीं हो रहा कम, कूड़ा जलाने का सिलसिला जारी
जिले में हवा थमने से जिले में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को जिले का वायुप्रदूषण 360 रहा। पीएम 10 और पीएम 2.5 बढऩे के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। नगर निगम की ओर से रोकथाम के लिए पानी का छिडक़ांव भले ही किया जा रहा हो, लेकिन उसके बाद भी वायु प्रदूषण में सुधार नहीं हो रहा है। कूड़ा जलाने का सिलसिला भी जारी है। चिकित्सकों के पास भी सांस, आंख में जलन के साथ ही गले में समस्या से पीडि़त मरीज लगातार पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद कूड़ा जलाया जा रहा है। वहीं, डीजल वाहनों को खूब दौड़ाया जा रहा है।
यह रही वायु प्र्रदूषण की स्थिति
-फूलबाग-348
-सिटी सेंटर-364
-महाराज बाड़ा-360
-डीडी नगर-277
इनका कहना है
वाहन व फैक्ट्री से निकलने वाले धुआं में हानिकारक गैस निकलती है जो वातावरण में घुलकर आक्सीजन के साथ मानव शरीर में सांस के माध्यम से जाती हैं और श्वासन तंत्र को नुकसान पहुंचाती है। यह गैस जब खून में घुल जाती है जिससे सांस,किडनी,ह्दय आदि बीमारियों को जन्म देती हैं। जरुरी है कि वाहनों का कम प्रयोग हो,वृक्षारोपण अधिक से अधिक हो।
डॉ. श्याम राजपूत
मेडीसिन रोग विशेषज्ञ
