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आखिर कब लगेगा वाहनों की रफ्तार पर लगाम, फर्राटा मारते वाहन ने बुझाया घर का इकलौता चिराग

आखिर कब लगेगा वाहनों की रफ्तार पर लगाम, फर्राटा मारते वाहन ने बुझाया घर का इकलौता चिराग
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ग्वालियर, न.सं.। शहर की बिगड़ती यातायात व्यवस्था और फर्राटा मारते वाहन अब जानलेवा साबित होते जा रहे हैं। ऐसे ही एक तेज रफ्तार वाहन ने बीते रोज एक घर के इकलौते चिराग को निगल लिया। अब इस घर में केवल एक बूढ़ी मां है जो अपने लाल को याद कर आंसू बहा रही है।

वैसे स्मार्ट सिटी वाले इस महानगर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारी आए दिन सिर जोड़ कर बैठते हैं, लेकिन शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने की जगह और बिगड़ती जा रही है। शहर की सड़कों पर जहां नाबालिग वाहन दौड़ा रहे हैं। वहीं सड़कों पर तेज गति से भागते वाहनों से आए दिन होने वाले हादसों में किसी की जान जा रही है तो कोई अपाहिज हो रहा है। बीते रोज पड़ाव थाना क्षेत्र में एक ऐसा ही हादसा हुआ, जहां एक तेज रफ्तार एक्टिवा ने मोटरसाइकिल पर जा रहे किलागेट स्थित बाखर निवासी प्रतीक प्रजापति को टक्कर मार दी। इलाज के दौरान प्रतीक ने दम तोड़ दिया। प्रतीक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था और उसकी मां घरों में काम कर उसे पढ़ा-लिखा रही थी। प्रतीक की मौत के बाद अब मां बेसहारा हो गई। पुलिस ने हमेशा की तरह प्रतीक की मौत के बाद मर्ग कायम कर लिया। लेकिन असल में प्रतीक की मौत सड़क पर दौडऩे वाले तेज रफ्तार वाहन से हुई है।

तीन बहनों में इकलौता था प्रतीक

9 अक्टूबर की शाम को अपने घर जा रहे 18 वर्षीय प्रतीक प्रजापति जब सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घयल हुआ तो उसके मित्र सबसे पहले उसे निजी अस्पताल लेकर गए। वहां से जब उसे माधव डिस्पेंसरी के ट्रॉमा सेंटर लाया गया तब बड़ी मुश्किल में उसे भर्ती किया गया। प्रतीक 24 घंटे मौत से जूझते हुए जिंदगी की जंग हार गया। बताया गया कि प्रतीक तीन बहनों में इकलौता भाई था। जब बहनों को उसकी मौत का पता चला तो बहनों की जुबान पर सिर्फ यही बात थी कि भगवान यह कैसा न्याय किया।

पुलिस का भारी-भरकम अमला फिर भी कार्रवाई नहीं

वैसे यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए यातायात पुलिस का भारी-भरकम अमला सड़कों पर तैनात नजर आता है। लेकिन यह अमला तेज गति से सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों पर लगाम नहीं लगा पाता है। चौराहों पर खड़े यातायात पुलिस के जवान भूत बने खड़े रहते हैं और वाहन चालक तेज गति से फर्राटा मारते हुए उनके आंखों के सामने से निकल जाते हैं।

जिनमें कमाई, उन पर ही कार्रवाई

यातायात पुलिस केवल ऐसे वाहन चालकों को अपना शिकार बनाती है, जिससे उनकी कमाई हो सके। शहर में ऐसे नजारे प्रत्येक चौराहे पर देखे जा सकते हैं। यातायात पुलिस की इस लापरवाही का खामियाजा आम वाहन चालकों को उठाना पड़ता है और वह तेज रफ्तार दौडऩे वाले वाहनों के शिकार होकर अपनी जान गवां बैठते हैं। प्रतीक की मौत भी यातायात पुलिस की लापरवाही का नतीजा है।

Updated : 12 Oct 2021 11:22 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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