ग्वालियर में जिम्मेदारों को हादसे का इंतजार, एमडीआर अस्पताल नहीं सुरक्षित

ग्वालियर, न.सं.। एमडीआर अस्पताल में भर्ती मरीज व चिकित्सक सुरक्षित नहीं है। जर्जर हो चुका अस्पताल में कभी भी कोई दुर्घटना घट सकती है। लेकिन उसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे और किसी बड़े हादसे के इंतजार में बैठे हुए हैं।
दरअसल गंभीर टीबी के मरीजों को उपचार उपलब्ध कराने के लिए माधव डिस्पेंसरी के सामने पीएचओटीसी के एक पुराने भवन में एमडीआर अस्पताल वर्ष 2016 में डीआर टीबी अस्पताल किया गया था। जबकि इस भवन को लोक निर्माण द्वारा पहले ही कंडम घोषित किया जा चुका था। उसके बाद भी उक्त भवन में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। इतना ही नहीं भवन जर्जर होने के कारण पूर्व में कई बार छत्त व दीवार गिरने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। इसके अलावा भवन के दीवारों व छत्त पर कई जगह दरारे में आ चुकी है। साथ ही बरसात के कारण जगह-जगह दीवारों पर सीडऩ भी बनी हुई है। ऐसे में अगर भवन में कभी भी कोई भी घटना घट सकती है। इतना ही नहीं अस्पताल इतना असुरक्षित है कि यहां के चिकित्सकों ने भी पूर्व में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा था कि भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए भर्ती मरीजों एवं समस्त स्टॉफ को जान का खतरा बना हुआ है। इसलिए वर्तमान में भवन में डीआरटीबी वार्ड चालू रखना मुश्किल है।
नए अस्पताल के लिए भेजा जा चुका है प्रस्ताव
जर्जर हो चुके एमडीआर अस्पताल के भवन की स्थिति देखते हुए नए अस्पताल को खोलने के लिए शासन के पास कई बार पत्र भी भेजे जा चुके हैं। लेकिन भोपाल में बैठे अधिकारियों द्वारा अभी तक नए अस्पताल को लेकर कोई कार्रवाई ही नहीं की गई।
