तीन विभागों की लापरवाही भुगत रहे हैं मल्लगढ़ा के रहवासी

ग्वालियर, न.सं.। शहर में रहकर गांव से भी बदतर हालात। लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रहते हैं, ये केवल एक वार्ड या एक गली का नहीं पूरे शहर में कहीं-कहीं ऐसा ही हाल है। जहां लोग लंबे समय से परेशानियां दूर करने की गुहार लगाते रहते है पर समाधान धरातल पर कुछ भी नहीं। ऐसा ही कुछ हाल है, वार्ड क्रमांक आठ का है। जहां रहने लोग हर रोज अनेक तरह की परेशानियों के दौर से गुजर रहे हैं। शहर को स्मार्ट सिटी बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले इन तीन जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों की लापरवाही से क्षेत्रवासी परेशान हैं। ट्रांसफार्मर पर खुले लटकते तारों से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं खस्ताहाल सड़कों पर चलने से वाहनों और आम इंसानों की सेहत भी खराब हो रही है। जगह-जगह लगे कचरे के ढेर बीमारियों को दावत दे रहे हैं। साफ-सफाई में रैंकिंग भले ही बढ़ गई हो लेकिन इस क्षेत्र के लोग आज भी गंदगी में जीवन जी रहे हैं और खुदी हुई सड़कों पर चलने को मजबूर हैं। उप-चुनाव की बेला में भी नगर निगम तथा पीडब्ल्यूडी और बिजली विभाग के अधिकारियों को इस क्षेत्र की बिगड़ी व्यवस्था सुधारने की चिंता नहीं है। क्षेत्र के लोग इन जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों से इलाके में व्याप्त अव्यवस्थाओं को सुधारने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन जिम्मेदार कानों में तेल डालकर बैठे हैं।
खुले में ट्रांसफार्मर, दांव पर जिंदगी
मल्लगढ़ा मार्ग पर ट्रांसफार्मर लगा हुआ है। यहां कभी बेजुबान मर चुके हैं तो कभी इंसान झटके खा चुके हैं। कारण कि यहां पर सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं हैं। ऊर्जा मंत्री ने ट्रांसफार्मरों के इर्द-गिर्द सुरक्षा के इंतजाम करने की सख्त हिदायत दी थी, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने निर्धारित समय के बाद भी आदेश नहीं माना। शहर में अधिकांश ट्रांसफार्मर बिना सुरक्षा के रख दिए गए हैं, जो जिंदगी को झटके पर झटके दे रहे हैं।
