पटरियों की जगह कार्यालयों में पहुंचे चूहे, कर्मचारी परेशान

ग्वालियर, न.सं.। लॉकडाउन में रेलवे स्टेशन से गायब चूहों की तादाद फिर बढऩे लगी है। इस बार चूहों से अपना ठिकाना भी बदल दिया है। पटरियों से ज्यादा चूहे अब कार्यालयों में बस गए हैं। लॉकडाउन में ट्रेनों का संचालन बंद होने से चूहों को स्टेशन और पटरियों पर खुराक नहीं मिला। ऐसे में अधिकतर चूहे मर गए। जो बच गए उन्होंने अपना ठिकाना बदल दिया। इससे रेल प्रशासन ने राहत की सांस ली थी, लेकिन ट्रेनों का संचालन शुरू होने के साथ ही यह समस्या फिर खड़ी हो गई है। चूहों ने इस बार पटरियों के बजाए कार्यालयों को अपना ठिकाना बना लिया है। ये सर्वाधिक नुकसान पार्सल और अमानती सामान घर में कर रहे हैं। इतना ही नहीं चूहों ने स्टेशन के एक-दो नंबर प्लेटफार्म पर कई जगह गहरे गड्ढे कर दिए हैं। जमीन खोखली होने से ट्रैक पर भी खतरा मंडरा सकता है। रेलवे सिग्नल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली की केबल और संयंत्रों को भी चूहों से नुकसान होता है। ट्रैक चेंजिंग से लेकर सिग्नल तक का कार्य आटोमैटिक होने से चूहे कभी भी किसी दुर्घटना की वजह बन सकते हैं। लेकिन कोई भी रेलवे अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
चूहों को नहीं लगता किसी से डर
स्टेशन पर सैर करने वाले इन चूहों को किसी का डर नहीं है। न तो इन्हें तेज रफ्तार ट्रेनों का खौफ है और न हीं ये यात्रियों से डरते हंै। चूहे तो अब इतने निडर हो गए है कि ये एसी कोच में तक पहुंच जाते है।
नहीं हुआ कोई टेंडर जारी
सूत्रों के मुताबिक ग्वालियर में चूहों को पकडऩे या पेस्टीसाइड के लिए कोई टेंडर जारी नहीं हुआ है। स्टेशन के यार्ड, प्लेटफार्म क्रमांक एक से चार तक सभी पटरियों के नीचे इन्होंने अपने बिल बनाने के साथ ही सुरंगे बना ली है जिससे कभी भी रेल हादसा भी हो सकता है।
गुल हो सकती है स्टेशन की लाइट
रेलवे स्टेशन की बिजली किसी भी समय गुल हो सकती है। रेलवे प्रशासन की अनदेखी के कारण प्लेटफार्म 1 की बहुत दयनीय स्थिति है। किसी भी रेलवे स्टेशन का सबसे महत्वपूर्ण वीआईपी प्लेटफार्म होता है, प्लेटफार्म नंबर एक, क्योंकि इस प्लेटफार्म पर रेलवे के सभी अधिकारियों के कार्यालय स्थित होते ही हैं। लेकिन चूहों ने इनके कार्यालयों में भी जगह बना ली है।
चूहों से परेशान हैं रेलवे अधिकारी
चूहों के आतंक से रेलवे के अधिकारी भी परेशान हो चुके है। लेकिन ये अधिकारी भी कुछ नहीं कर पा रते है। कार्यालय समय में जब ये अधिकारी अपने कार्यालय पहुंचते हैं तो वहां चूहों की फौज उमड़ी रहती है।
ये बना रखे हैं चूनों ने अपने बिल
-प्लेटफार्म क्रमांक एक पर चूहों ने पटरियों के किनारे बिल बना रखे है।
-लाइनों के साथ ही प्लेटफार्मों पर सीढिय़ों के नीचे, बिजली बॉक्स और कमरों की नीचे भी इन चूहों ने अपने बढ़े-बढ़े बिल बना रखे हैं।
-यात्रियों पटरियों के बीच खाने पीने का सामान फेंकते है, जिससे चूहों की संख्या अब फिर से बढ़ रही है।
इनका कहना है
पटरियों व लगातार निगरानी की जा रही है। कर्मचारियों द्वारा पेस्टीसाइड का काम भी किया जा रहा है। ऐसे में अगर कोई समस्या आती है, तो उसे दिखवाया जाएगा।
मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, झांसी रेलवे मंडल
