रेल किराए में रियायत पर तीन साल से ताला, वरिष्ठ नागरिकों को इंतजार,साल 2020 में रेलवे ने लगाई थी रोक

ग्वालियर। रेलवे की ओर से साल 2020 में कोरोना संक्रमण फैलने से ठीक पहले मार्च के अंतिम सप्ताह में वरिष्ठजनों सहित कई श्रेणियों में किराए में मिलने वाली छूट पर रोक लगाई थी, जो अब तक बहाल नहीं हुई है। इससे वरिष्ठजनों के यात्रा कार्यक्रम बाधित हो रहे है। खासकर धार्मिक स्थलों की यात्रा को लेकर वरिष्ठजनों में रेलवे को लेकर निराशा है। किराए में फिर से रियायत को लेकर वरिष्ठ यात्री उम्मीद लगाए बैठे हैं।
रेल में यात्रा करने वाले करीब 35-40 प्रतिशत वरिष्ठ यात्री है। जिन्हें रेलवे की ओर से किराए में 50 प्रतिशत की छूट दी जाती रही है। यह सभी श्रेणी में मिलती रही है। कोरोना के चलते स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो संक्रमण नहीं फैले इसके लिए एसी में मिलने वाली चद्दर, कंबल और तकिया की सुविधा बंद करते हुए कोच में लगने वाले पर्दे भी हटा दिए। लेकिन ये सुविधाएं रेलवे ने फिर से बहाल कर दी। इससे यात्रियों को बड़ी राहत मिली है।
वरिष्ठ नागरिक सबसे ज्यादा निराश
कई तरह की सुविधाएं बहाल करने से वरिष्ठ नागरिकों की उम्मीद बढ़ी है कि रेलवे उनको मिलने वाली छूट भी जल्दी बहाल करेगा। इस बीच यह भी उल्लेखनीय है कि रेल मंत्री ने 2023 में संसद में बताया था कि छूट फिर से दिए जाने का कोई प्रस्ताव अभी नहीं है। इसके बाद से ही वरिष्ठजन काफी निराश हुए है।
यह मिलती थी रियायत
रेलवे के सभी ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों को टिकटों पर 50 फीसदी तक की छूट मिली थी। 60 साल के पुरुषों और 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को रेलवे वरिष्ठ नागरिक मानता है। कोरोना महामारी से पहले तक राजधानी, शताब्दी, दूरंतो सहित समस्त मेल एक्सप्रेस में पुरुषों को बेस फेयर में 40 प्रतिशत जबकि महिलाओं को 50 फीसदी की छूट दी जाती रही है।
अभी 11 श्रेणियों में मिल रही है छूट
हालांकि अभी भी 11 श्रेणियों में रेलवे की ओर से किराए में छूट दी जा रही है। इसमें दिव्यांगजनों की चार, रोगियों और विद्यार्थियों की 11 श्रेणी शामिल है। लेकिन इनके बारे में अधिकांश लोगों का पता नहीं है। इसके चलते छूट होते हुए भी फायदा नहीं ले पाते हैं।
फैक्ट फाइल- वरिष्ठ नागरिक
-50 प्रतिशत की छूट मिलती थी
-60 साल के पुरुष व 58 साल की महिला
-2020 से बंद है किराए में छूट
-35-40 प्रतिशत यात्री वरिष्ठ नागरिक (अनुमानित)
-02 साल से नहीं मिल रही है छूट
-600-700 वरिष्ठजन प्रतिदिन ग्वालियर से करते हैं रेल यात्रा
इनका कहना है
यह रेलवे बोर्ड द्वारा तय किया जाता है। रेलवे बोर्ड की जो भी गाइडलाइन जारी होती है उनका मंडल द्वारा पालन किया जाता है।
मनोज कुमार सिंह
जनसंपर्क अधिकरी
झांसी मंडल
