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सड़क पर उतरे गौसेवक तो जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की जागी नींद

दिनभर चले हंगामे के बाद बनी सहमति, अब भूसे के साथ चारा भी दिया जाएगा

सड़क पर उतरे गौसेवक तो जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की जागी नींद
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ग्वालियर, न.सं.। आखिर नगर निगम की गोला का मंदिर गौशाला में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर गौ सेवकों का गुस्सा फूट पड़ा और जन्माष्टमी के दिन सैकड़ों की संख्या में गौसेवक सड़कों पर उतर आए। जैसे ही यह सूचना नगर निगम के अधिकारियों को मिली तो उनके हाथ-पैर भूल गए और थोड़ी देर में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह तथा निगमायुक्त संदीप माकिन मौके पर आ गए और उन्होंने गौ सेवकों का गुस्सा शांत करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि गौशाला में अब गायों को अच्छी तरह से देखभाल की जाएगी। इसके बाद ही गौ सेवक शांत हुए। हालांकि इससे पहले गौवंश कीचड़ में परेशानी होती रहीं व भूख से तड़पती रहीं।



शहर के गोला का मंदिर क्षेत्र में स्थित मार्क अस्पताल परिसर में बनी नगर निगम की गौशाला में गौ माताओं की देखकर न होने से आखिर गौ सेवकों का गुस्सा फूट ही पड़ा और जन्माष्टमी के दिन सैकड़ों की संख्या में गौसेवक सड़कों पर उतर आए। उन्होंने गोला का मंदिर क्षेत्र में रास्ता जाम कर दिया। इसके बाद ही जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों की आंखें खुली और आनन-फानन में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह और नगर निगम के आला अधिकारी मौके पर आ गए। आक्रोशित गौ सेवकों का गुस्सा शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन गौसेवक इस बात पर अड़े रहे कि जब तक गौशाला में गायों की दशा सुधारने के इंतजाम नहीं हो जाते हैं तब तक वह सड़क से नहीं हटेंगे। गौ सेवकों के तीखे तेवर देखते ही जिलाधीश तथा निगमायुक्त ने गौसेवकों को आश्वासन दिया कि गौशाला में गायों की दुर्दशा नहीं होगी और गौशाला की दशा सुधारी जाएगी। इसके अलावा गायों को भूसे के साथ प्रतिदिन 100 कुंटल हरा चारा भी खिलाया जाएगा। उनके रहने के स्थान को भी दुरुस्त कर बारिश के पानी से बचाने के इंतजाम किए जाएंगे। इसके बाद ही गौसेवकों का गुस्सा कुछ शांत हुआ और उन्होंने प्रशासन से दो टूक शब्दों में कह दिया कि अगर शीघ्र गौशाला की दशा में सुधार नहीं हुआ तो वह फिर सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे।



मंत्री के सामने रोती रही महिला, कहा- हम इन्हें मरने के लिए छोड़ दें

मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर जब गौशाला पहुंचे तो वहां मौजूद एक महिला ने रोते हुए कहा कि आप खुद देखो गौमाता की हालत क्या हो गई है। महिला ने कहा क्या हम इनको मरने के लिए छोड़ दें। हम सड़क पर गौमाता के लिए प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिसवाले हम पर लाठीचार्ज करने आ गए।

राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी की हो तैनाती

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने गौशाला में गायों की अधिक संख्या को देखते हुए अतिरिक्त गौशाला के लिए जगह चिन्हित करने तथा गायों को अन्यंत्र शिफ्ट करने पर भी विचार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके साथ ही उन्होंने जिलाधीश से कहा कि मार्क हॉस्पिटल गौशाला एवं लाल टिपारा गौशाला में भी एक-एक राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी को तैनात किया जाए, जो गौशाला में बेहतर प्रबंधन करने तथा चिकित्सकों की उपस्थिति के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाओं में भी सहभागी हो सकंे।



गौवंश का चारा डकार रहे अधिकारी, भूखे मर रही हैं गौमाताएं: पाठक

गौवंश की दुर्दशा को लेकर कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पीड़ा व्यक्त की है। उन्होंने पत्र में कहा है कि मैं बड़े दुख एवं मानसिक वेदना के साथ आपको इस पत्र के माध्यम से आग्रह कर रहा हूं कि गोला का मंदिर, ग्वालियर स्थित गौशाला में नगर निगम प्रशासन की लापरवाही से गौवंश दलदल में खड़ा रहकर भूख प्यास से मर रहा है। यह गौशाला बरसात के चलते पूरी तरह दलदल में तब्दील हो गई है, यहां सूखा स्थान नहीं होने से गौवंश को पूरे समय कीचड़ और दलदल में खड़ा रहना पड़ता है। गायों के खाने के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं है। कीचड़ पर ही गायों को भूसा डाला जाता है, इस कारण लगभग आधे से ज्यादा भूसा व चारा कीचड़ से खराब हो जाता है और गौमाता भूखी रह जाती है। गौशाला के लिए लाखों रुपए का बजट होने के बावजूद नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही एवं भ्रष्टाचार के चलते गौ माता एवं गौ वंश को उचित मात्रा में चारे एवं पानी की भी व्यवस्था नहीं की गई है। इससे गौमाता तड़प- तड़प कर भूखे पेट दम तोड़ रही हैं। मेरा आपसे गौमाता और गौवंश की रक्षा के लिए और उनको दुर्दशा से निकालने के लिए एक विधायक नहीं अपितु एक नागरिक, एक धार्मिक आस्थावान व्यक्ति के तौर पर आग्रह है कि गौ माता की इस वेदना और इस पीड़ा को दूर करने के लिए त्वरित निर्देश दें।

Updated : 13 Aug 2020 1:00 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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