प्रद्युम्न सिंह बोले- जनता प्रसाद के रूप में देगी 150 सीट

प्रद्युम्न सिंह बोले- जनता प्रसाद के रूप में देगी 150 सीट
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सबसे पहला चुनाव उन्होंने वर्ष 1990 में डबरा से लडक़र विजय हासिल की

ग्वालियर |प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को ग्वालियर विधानसभा से लगातार पांचवीं बार टिकट मिला है। उन्होंने शुरू के तीन चुनाव कांग्रेस से लड़े। उसके बाद वर्ष 2020 में उपचुनाव भाजपा से लड़ा और अब 2023 का चुनाव भी भाजपा से ही लडऩे जा रहे हैं। सोमवार को उनके टिकट की घोषणा हुई तब वह आनंद नगर में एक कार्यक्रम में थे।वे तुरंत अपने सरकारी आवास रेसकोर्स रोड पहुंचे तो समर्थकों ने ढोल-ताशे की गूंज के साथ जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हम जनता के सेवक हैं और जनता की हमेशा सेवा की है। जनता का प्रसाद हमको हमेशा से मिला है और इस बार के चुनाव में फिर जनता का प्रसाद मिलेगा। वर्ष 2023 में फिर से प्रदेश में कमल खिलेगा और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि वह लगातार अपने क्षेत्र की जनता को सौगातें दे रहे हैं, साथ ही करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास हुए हैं।कांग्रेस के उम्मीदवार के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस में सिर्फ एक ही आदमी टिकटों को तय करता है और वह एक दिन में ही घोषित हो जाएंगे। कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है वहां पर सिर्फ एक ही परिवार और एक ही आदमी की चलती है। उन्होंने दावा किया है कि इस चुनाव में भाजपा 150 सीटों से ज्यादा जीत कर आएगी और मध्य प्रदेश में फिर से बनाएगी।

इस तरह लड़ें चुनाव

श्री तोमर ने वर्ष 2008 में सबसे पहला चुनाव लड़ा और भाजपा के जयभान सिंह पवैया को 2094 मतों से पराजित किया। वर्ष 2013 के चुनाव में उन्हें जयभान सिंह पवैया ने 15561 मतों से हराया। इसके बाद वर्ष 2018 के चुनाव में उन्होंने श्री पवैया पर 21044 मतों से जीत हासिल की। वर्ष 2020 के उपचुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सुनील शर्मा को 33123 मतों से पराजित किया। इस चुनाव में कांग्रेस द्वारा अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है।

आठवीं बार मैदान में डॉ मिश्रा

ग्वालियर चंबल के दिग्गज नेताओं में शुमार मौजूदा सरकार में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा अब तक सात बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। अब यह उनका आठवां चुनाव होगा। सबसे पहला चुनाव उन्होंने वर्ष 1990 में डबरा से लडक़र विजय हासिल की थी लेकिन वर्ष 93 का चुनाव में हार गए। इसके बाद वर्ष 1998 एवं 2003 में उन्होंने विजय श्री हासिल की। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद डबरा के सुरक्षित सीट घोषित होने पर उन्होंने दतिया से चुनाव लड़ा। फिर उन्होंने पीछे मुडक़र नहीं देखा। वर्ष 2013 और 2018 में भी उन्होंने जीत हासिल की। लगातार तीनों ही बार उनके सामने कांग्रेस के राजेंद्र भारती थे जिन्हें पराजित किया। लेकिन वर्ष 2018 के चुनाव में वह 2656 मतों से ही जीत सके थे।

भदोरिया के सामने रहे कटारे पिता पुत्र

अटेर से भाजपा के अरविंद सिंह भदोरिया अब तक चार बार चुनाव लड़ चुके हैं। खास बात यह है कि दो बार उनके सामने पूर्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यदेव कटारे और दो बार उनके पुत्र हेमंत कटारे सामने रहे। वर्ष 2008 में उन्होंने सत्यदेव कटारे को 1815 मतों से पराजित किया। वहीं वर्ष 2013 के चुनाव में वह श्री कटारे से 11426 मतों से पराजित हुए। श्री कटारे के निधन के बाद वर्ष 2017 में यहां उप चुनाव हुआ जिसमें उनके सामने हेमंत कटारे थे।इस चुनाव में खड़ा संघर्ष हुआ जिसमें हेमंत कटारे मात्र 857 मतों से जीते। इसके बाद वर्ष 2018 के चुनाव में श्री भदौरिया ने हेमंत कटारे को 4978 मतों से पराजित कर बदला ले लिया।

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