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ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, समय पर नहीं पहुंच रहे चिकित्सक

ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, समय पर नहीं पहुंच रहे चिकित्सक
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ग्वालियर, न.सं.। शासन स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण समय से चिकित्सक अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। जिले में ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी काफी बदहाल हो चुकी हैं। आधे से एक घंटे विलंब से स्वास्थ्यकर्मी पहुंच रहे हैं। इससे मरीज आकर लौट जा रहे हैं। जबकि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार को लेकर जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह आए दिन अस्पतालों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं में सुधार का निर्देश दे चुके हैं, लेकिन चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी हैं कि देर से आने और जल्दी जाने के नियम अपना रहे हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब स्वदेश के सम्वादताता द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया।

बेहट स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की बात करें तो यहां गुरूवार की दोपहर 12 बजे तक कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं था। यहां ग्रामीण क्षेत्र की एक गर्भवती महिला प्रसव के लिए पहुंची थी, जिसका प्रसव चिकित्सक की अनुपस्थिति में एएनएम द्वारा किया गया। यहां के लोगों का कहना था कि स्वास्थ्य केन्द्र समय पर खुलता तो है, लेकिन चिकित्सक कब आते हैं और कब जाते हैं। इसका कोई पता ही नहीं रहता, जिस कारण कई बार मरीजों को बिना उपचार के ही लौटना पड़ता है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ जब एक स्टाफ से चिकित्सक के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि किसी बैठक में होने के कारण चिकित्सक नहीं आए हैं। जबकि ग्रामीणों का कहना था कि यह एक दिन की समस्या नहीं है, चिकित्सक यहां अधिकांश समय अनुपस्थित ही रहते हैं।

अनुबंधित चिकित्सक के भरोसे सेवाएं

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हस्तनापुर की बात करें तो यहां की व्यवस्थाएं अनुबंधित चिकित्सक के भरोसे ही रहती है। उक्त अस्पताल मेटरनिटी विंग लेबल-2 की सुविधा भी है। इसलिए यहां महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. गीता अहिरवार की भी पदस्थापना है। इसके अलावा यहां डॉ. रवि शर्मा, डॉ. अमर सिंह, डॉ. महेश व्यास, एवं अनुबंधित चिकित्सक डॉ. सक्षम अवस्थी के अलावा बीएमओ डॉ. नवीन भी पदस्थ हैं। लेकिन गुरूवार को यहां अनुबंधित चिकित्सक डॉ. अवस्थी ही ओपीडी में मौजूद थे। जबकि अन्य चिकित्सकों के कक्ष खाली पड़े हुए थे। यहां के लोगों का कहना था कि यहां महिला रोग विशेषज्ञ तो कभी कबार ही मिलती हैं। जिस कारण गर्भवती महिलाओं को उपचार के लिए मुरार जच्चा खाने ही जाना पड़ता है।

दस बजे के बाद ही पहुंचते हैं चिकित्सक

उटीला स्वास्थ्य केन्द्र में भी चिकित्सक व स्टाफ दस बजे के बाद ही पहुंचते हैं। उटीला निवासी रामअवतार का कहना था कि यहां चिकित्सक दस बजे के बाद ही आते हैं। गत दिवस गुरूवार की सुबह 11 बजे उटीला स्वास्थ्य केन्द्र में डॉ. गुंजन चौबे मौजूद तो थीं, लेकिन अपनी ओपीडी में नहीं बैठी हुईं थी। यहां के स्थानीय निवासियों का कहना था कि उटीला में चिकित्सक 10 बजे के बाद ही आते हैं और 12 बजे तक चले जाते हैं। ऐसे में ग्रामीणों को उपचार के लिए परेशान होना पड़ता है।

चिकित्सकों को समय पर आने की कई बार हिदायत दी जा चुकी है। अगर उसके बाद भी चिकित्सक समय पर नहीं आते तो नोटिस जारी किया जाएगा।

डॉ. नवीन नायक

ब्लॉक मेडिकल, अधिकारी


Updated : 18 March 2023 12:30 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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