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विद्युत शवदाह गृह में फंसी ट्रॉली, छह घंटे शव विच्छेदन गृह में रखा रहा शव

शाम को परिजनों की निगरानी में किया अंतिम संस्कार

विद्युत शवदाह गृह में फंसी ट्रॉली, छह घंटे शव विच्छेदन गृह में रखा रहा शव
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ग्वालियर, न.सं.। जिले में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौते का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से संक्रमित शवों की दुर्दशा भी हो रही है। इसी के चलते रविवार को संक्रमित के शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए परिजन देर शाम तक इंतजार की करते रहे।

मुरार निवासी 72 वर्षीय राम प्रकाश गुप्ता को कोरोना संक्रमण के चलते आठ जुलाई को सुपर स्पेशलिटी में भर्ती कराया गया था। रामप्रकाश को कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियां भी थी, साथ ही पिछले पांच दिनों से वह वेन्टीलेटर पर थे। उपचार के दौरान रविवार की सुबह करीब 7.15 पर उनकी मृत्यु हो गई। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने प्रशासन को सूचना देते हुए शव को शव विच्छेदह गृह पहुंचा दिया। इधर गत दिवस मुरार सिम्को रोड निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग वीरेन्द्र खण्डेलवाल का निधन संक्रमण के कारण हो गया था। इसलिए पहले मृतक खण्डेलवाल के शव को मुक्तिधाम रविवार की सुबह करीब 11.30 पहुंचाया गया और 12 बजे विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन मृतक वीरेन्द्र के अंतिम संस्कार के बाद जब दूसरे शव के अंतिम संस्कार के लिए तैयारी शुरू की गई तो शवदाह गृह की ट्रॉली का गियर फंस गया। इस पर शव दाह गृह के नोडल अधिकारी अतिबल सिंह यादव ने तत्काल नगर निगम वर्कशॉप प्रभारी श्रीकांत कांटे को सूचना दी। उधर मृतक रामप्रकाश के परिजन सुबह 12 से 6 बजे तक जयारोग्य के शव विच्छेदन गृह में शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए खड़े रहे। इतना ही नहीं नोडल अधिकारी द्वारा कई बार वर्कशॉप में फोन करने के बाद शाम 5 बजे हेल्पर राजेन्द्र सिंह को पहुंचाया गया। जहां 6 बजे ट्रॉली का गियर ठीक किया गया। जिसके बाद रामप्रकाश का अंतिम संस्कार किया गया।

अब निजी एजेंसी करेगी पांच हजार में अंतिम संस्कार

जिले में कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार को लेकर बार-बार परेशानी आ रही थी। शव को वार्ड से उठाने से लेकर लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम के विद्युत शवदाह गृह में पहुंचाने के दौरान कई बार ऐसे प्रसंग आए जो मानवीय संवेदनाओं को तार-तार करने वाले थे। क्योंकि स्ट्रेचर से शव गिरने पर उसे कोई उठाने को तैयार नहीं था। विद्युत ट्रॉली में रखने के बाद खिसकाने को लेकर विवाद हुए। इसीलिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी वीके गुप्ता ने मैसर्स नील सिक्योरिटी को अंतिम संस्कार का ठेका दिया है। कंपनी को पांच हजार रुपए प्रति शव के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।

Updated : 27 July 2020 1:00 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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