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38 वर्ष बाद सूर्य संक्रांति पर विदा होंगे पितर

38 वर्ष बाद सूर्य संक्रांति पर विदा होंगे पितर
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ग्वालियर, न.सं.। 17 सितंबर गुरुवार को पित्र मोक्ष अमावस्या पर ग्रह नक्षत्रों का शुभ योग रहेगा। बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी ने बताया कि इस बार 38 वर्ष बाद पित्र मोक्ष अमावस्या पर ही ग्रहों के राजा सूर्य अपनी राशि बदलकर कन्या में आ रहे हैं। यानी पितृ मोक्ष अमावस्या पर्व पर सूर्य संक्रांति होने से बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है। इससे पहले यह संयोग 1982 में बना था। इसी दिन पिछले 1 सितंबर से चले आ रहे श्राद्ध पक्ष का समापन पितरों को तिलांजलि देकर विदा किया जाएगा। पदम पुराण मारकंडे तथा अन्य पुराणों में कहा गया है कि अश्वनी महीने की अमावस्या पर पित्र पिंडदान और तिलांजलि चाहते हैं, उन्हें अगर यह नहीं मिलता तो वह अतृप्त होकर चले जाते हैं। श्री सोनी का कहना है कि मृत्यु तिथि पर श्राद्ध करने के बाद भी अमावस्या पर जाने अनजाने में छूटे हुए सभी पीढिय़ों के पितरों को श्राद्ध के साथ विदा किया जाना चाहिए इससे पित्र खुश होते हैं और आशीर्वाद देकर चले जाते हैं।

मेष, कर्क और धनु के लिए शुभ समय:-

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सूर्य के राशि परिवर्तन से मेष, कर्क एवं धनु राशि के लिए आर्थिक स्थिति सेहत के साथ अच्छा समय शुरू होगा। वहीं वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि के लोगों के लिए संभल कर चलना होगा।

Updated : 16 Sep 2020 1:00 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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