पेट्रोल-डीजल को शामिल किया जाए जीएसटी में: चेम्बर

पेट्रोल-डीजल को शामिल किया जाए जीएसटी में: चेम्बर
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तेल कंपनियों ने भी डीलरों का कमीशन विगत 5-6 वर्ष से नहीं बढाया है।

ग्वालियर। मध्यप्रदेश सहित ग्वालियर में पेट्रोल और डीजल के दाम बहुत अधिक हैं। शहर के व्यापारियों द्वारा पेट्रोल और डीजल के दाम समीपवर्ती प्रदेशों के समान करने अथवा जीएसटी में शामिल करने की मांग काफी समय से की जा रही है। इसी क्रम में शनिवार को मप्र चेम्बर ऑफ कॉमर्स में चेम्बर संवाद का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें समूह क्रमांक 15 ऑटोमोबाइल डीलर व्यवसाय, 16 स्पेयर पार्ट्स डीलर व्यवसाय एवं 17 पेट्रोलियम एवं उत्पाद व्यवसाय के व्यापारी शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता चेम्बर उपाध्यक्ष डॉ. राकेश अग्रवाल ने की।





समूह संवाद में जीएल भोजवानी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर अधिक होने से ग्वालियर के पेट्रोल पंप व्यवसायियों का कारोबार घट गया है।

यहां से गुजरने वाले वाहन सीमित मात्रा में पेट्रोल भराते हैं क्योंकि 60 से 100 किमी की दूरी पर दूसरे प्रदेशों की सीमाएं लगती हैं और वहां पर 8 से 12 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल सस्ता मिलता है। वहीं तेल कंपनियों ने भी डीलरों का कमीशन विगत 5-6 वर्ष से नहीं बढाया है। प्रशांत सिंघल ने कहा कि प्रशासन द्वारा इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाना है, जिससे यह बसें ट्रांसपोर्ट नगर तक चलाईं जाएं। अमित सेठी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर अधिक होने से हमारा व्यापार ही प्रभावित नहीं हो रहा है बल्कि शासन को भी राजस्व की हानि हो रही है। संजय जैन ने कहा कि यदि शासन पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर समीपवर्ती प्रदेशों के समान करता है तो इससे शहर व प्रदेश का हर परिवार आर्थिक रूप से लाभांवित होगा।

मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के प्रदेश में महंगा होने से समीपवर्ती प्रदशों के उद्योग-व्यापार से हम प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहे हैं। समाज का हर वर्ग, यहां तक कि हर नागरिक को इससे नुकसान हो रहा है। आभार मानसेवी संयुक्त सचिव पवन कुमार अग्रवाल ने व्यक्त किया। इस मौके पर कुलदीप समाधिया, जगदीप सिंह, नरेश अग्रवाल, आदित्य जैन, अंकित फुलबधिया, कृष्ण पटेल, दीपक जैन, अनिल माहेश्वरी, कन्हैया अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

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