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कोरोना भगाने गले में कार्ड, चिकित्सक बोले- आधुनिक टोना-टोटका

कोरोना भगाने गले में कार्ड, चिकित्सक बोले- आधुनिक टोना-टोटका
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ग्वालियर, न.सं.। कोरोना वायरस से बचने के लिए भले ही पूरी दुनिया वैक्सीन बनाने में जुटी हो। लेकिन शहरवासियों ने इस संक्रमण से बचने का एक नया तरीका अपना रहे है। शहर में कई लोग अपने गले में एक कार्ड लटकाए नजर आते हैं। ये कार्ड पहली नजर में किसी आई-कार्ड जैसा दिखता है। लोग पूछने पर बताते हैं कि ये एंटी वायरस कार्ड है, इसे इस्तेमाल करने पर कोरोना पास नहीं भटकता है। यद्यपि इस तरह के कार्ड से किसी कोई राहत नहीं मिल रही। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कार्ड सिर्फ आम जनता को मूर्ख बनाने के लिए आधुनिक टोना-टोटका के सिवाय कुछ नहीं है।

इस समय लोगों के बीच एंटीवायरस के रूप में जापान से बना कार्ड इस समय मेडिकल स्टोरों पर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। लोग गले में पहन कर कोरोना संक्रमण से बेपरवाह नजर आ रहे हैं। कोई मेडिकल इसे वायरस शटआउट के नाम से बेच रहा है तो कोई वायरस ब्लॉक आउट के नाम से इसकी बिक्री कर रहा है। मेडिकल संचालकों ने बताया कि इस कार्ड को क्लोरीन डाइऑक्साइड मॉलीक्यूल की मदद से बनाया गया है। यह बैक्टीरिया और वायरस को व्यक्ति से दूर रखते हैं। अलग-अलग कंपनियों के कार्ड को एक हफ्ते से लेकर 60 दिनों तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसको शर्ट की जेब में या फिर कॉलर पर क्लिप की मदद से लगाया जा सकता है। भीड़ वाली जगहों पर इसका इस्तेमाल काफी फायदेमंद बताया जा रहा है। लेकिन चिकित्सकों की नजर में यह सिर्फ लोगों को मूख बनाने का काम किया जा रहा है।

हुजरात की थोक दुकानों पर उपलब्ध

वायरस शट आउट कार्ड दवा के सबसे बड़े थोक बाजार हुजरात रोड पर आसानी से उपलब्ध है। एंटी वायरस कार्ड कीमत करीब 60-100 रुपए में मिल रहा है। कार्ड के पीछे की तकनीक ये बताई जा रही है कि इसमें डाला गया केमिकल हवा में आसपास मौजूद वायरस और बैक्टीरिया को खत्म कर देता है।

कार्डों का मूल्य 60 से लेकर 120 रुपए तक

मेडिकल स्टोर इससे अच्छी खासी राशि कमा रहे हैं और मालिकों का कहना है कि ये कार्ड केक की तरह बिक रहे हैं। इन कार्डों का मूल्य 60 रुपए से लेकर 120 रुपए तक है, लेकिन लोग यह जाने बिना ही इसे खरीद रहे हैं कि वह वास्तव में फायदेमंद है भी या नहीं। नाम न छापने की शर्त पर मेडिकल स्टोर के मालिक ने कहा कि उन्हें खुद नहीं पता है कि कार्ड के अंदर क्या है क्योंकि यह पूरी तरह से पैक है और कपूर जैसी गंध आती है। इन पर कोई एक्सपायरी डेट भी नहीं है।

ई-कॉमर्स वेबसाइट पर भी है

जहां अंतिम संस्कार के लिए बांस और मिट्टी के बर्तन तक हर घड़ी तैयार मिल जाते हों, वहां जीवन रक्षक कार्ड न बिके, ये कैसे हो सकता है। स्वदेश संवाददाता ने ऑनलाइन इ्र्र-कॉमर्स वेबसाइट पर जांच की, तो इसी से मिलते-जुलते कई कार्ड उपलब्ध हैं। एक जोड़े की कीमत 105 रुपए बताई जा रही है। ये 80 फीसदी डिस्काउंट के बाद का रेट है। कुछ कंपनियां इससे दोगुने-तीगुने दाम पर भी बेच रही हैं।

इनका कहना है

कोई भी असत्यापित और अप्रमाणित उत्पाद किसी को वायरस से बचाएगा यह मानना पूरी तरह से मूर्खता है। मुझे अभी इस कार्ड के बारे में जानकारी नहीं है। अगर यह बाजारों में बिक रहा है तो लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है। सेनेटाइजर से हाथ साफ कर सकते है तो वायरस हाथ पर मर जाएगा, लेकिन वायरस नाक से भी शरीर में प्रवेश कर सकता है। लोगों को ऐसी चीजें खरीदने से बचना चाहिए।

-डॉ. विजय गर्ग,सहायक प्राध्यापक, जीआर मेडिकल कॉलेज

Updated : 24 Sep 2020 1:00 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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