एक ही योजना के दो नियम, जयारोग्य चिकित्सालय में जांच के लिए भटक रहे मरीज

ग्वालियर, न.सं.। शासन द्वारा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों का वजट खर्च किए जाने के साथ ही तमाम योजनाएं चालाई जा रही हैं। जिसमें से आयुष्मान योजना मरीजों के लिए बहुत लाभदायक भी साबित हो रही है। लेकिन योजता के तहत दो अस्पतालो में अगल-अगल नियम अपनाए जा रहे हैं, जिस कारण मरीजों को जांच के लिए परेशान होना पड़ता है।
जयारोग्य चिकित्सालय की बात करें तो यहां सीटी स्कैन मशीन लगी हुई है, लेकिन यहां आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों को भी जांच का शुल्क चुकाना पड़ता है। क्योंकि यहां सिर्फ भर्ती मरीजों ही सीटी की जांच नि:शुल्क की जाती है। वहीं जिला अस्पताल की बात करें तो यहां ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों की जांच नि:शुल्क की जाती है। जबकि जिला अस्पताल में सीटी स्कैन की मशीन एक निजी एजेंसी द्वारा संचालित की जा रही है। जिसको लेकर अब यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब एक ही जब आयुष्मान के तहत जिला अस्पताल में ओपीडी में पहुंचने वाले मरीज की जांच की जा सकती है तो जयारोग्य चिकित्सालय में यह व्यवस्था क्यों नहीं है।
जांच शुल्क में भी अंतर
जिला अस्पताल व जयारोग्य में सीटी स्कैन के जांच शुल्क की बात करें तो इसमें भी बहुत अंतर है। जिला अस्पताल में मरीजों से जांच के लिए सिर्फ 750 रुपए ही किए जाते हैं, फिर जांच चाहे किसी भी हिस्से की हो। जबकि जयारोग्य में अलग-अगल हिस्सों की जांच के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित हैं।
जांच के लिए करना पड़ता है इंतजार
जयारोग्य चिकित्साल में अगर कोई भर्ती मरीज जांच के लिए पहुंचता भी है तो उसे दो से तीन दिन तक का इंतजार करना पड़ता है। कैंसर विभाग में पिछले दिनों भर्ती हुए बाबू शर्मा ने बताया कि चिकित्सक के उन्हें मुंह का कैंसर बताते हुए सिटी की जांच के लिए कहा था। लेकिन तीन दिन तक चक्कर काटने के बाद जब जांच नहीं हुई तो मजबूरन निजी सेन्टर जाकर जांच करानी पड़ी।
