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रात की जगह दिन में पेच रिपेयरिंग से शहर में लग रहा लंबा जाम, जनता परेशान

रात की जगह दिन में पेच रिपेयरिंग से शहर में लग रहा लंबा जाम, जनता परेशान
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ग्वालियर/वेब डेस्क। शहर में अमृत योजना के तहत डाली गई सीवर और पानी की लाइन डालने के लिए की गई सड़कों की खुदाई और बारिश की मार से घायल हुई सड़कों की मरम्मत का काम नगर निगम मनमाने तरीके से कर रही है। पेचवर्क करने वाले अधिकारियों ने कसम खा ली है कि उन्हें शहर की जनता से कोई मतलब नहीं है, बस अपने साहब को फोटो खिंचवाकर यह दिखाना है कि उनके विभाग के कर्मचारी पेचवर्क का काम कर रहे हैं।

दिन के समय नगर निगम द्वारा सड़कों का पेच रिपेयरिंग कार्य किए जाने के कारण एक ओर जहां यातायात बाधित होता है, वहीं जिन सड़कों के जख्म डामर और गिट्टी से भरे जाते हैं उन पर न तो रोलर चल पाता है और ना वह ठीक तरह से सेट हो पाती हैं। जबकि अन्य महानगरों में पेच रिपेरिंग तथा सड़क निर्माण जैसे कार्यों को लोगों की सुविधा देखते हुए नगर निगम प्रशासन रात के समय करवाता है। लेकिन ग्वालियर नगर निगम पेच रिपेरिंग और सड़क निर्माण कार्य को दिन के समय करना उचित मानता है। नगर निगम के इस तरह से काम करने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सड़क हादसा होने का भी भय बना रहता है। यहां बता दें कि बारिश में शहर के भीतर और बाहरी इलाकों की ज्यादातर व्यस्त सड़कें खराब हैं। जगह-जगह गड्ढे हैं, यहां पानी सूखने के बाद से आवाजाही मुश्किल हो रही है वहीं कभी उड़ती धूल लोगों को बीमार कर रही है। शहर में सरकारी आयोजन होने या किसी मंत्री के दौरे से पहले लाखों रुपए फूंककर सड़कों की मरम्मत की जाती है लेकिन अब बारिश थमने के बाद कोई देखने वाला नहीं है। परेशानी इस सड़क पर चलने वाले लोगों को हो रही है। वाहन चालक गड्ढों में हिचकोले खाने को मजबूर हैं।

जब रात को सफाई हो सकती है तो पेंचवर्क क्यों नहीं

नगर निगम द्वारा शहर की सड़कों को साफ करने के लिए रात के समय मशीनों से सफाई की जा रही है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि जब रात को सड़कों की सफाई हो सकती है तो पेंचवर्क का काम क्यों नहीं हो सकता।

अधिकारी जानकारी देते हैं, मौके पर नहीं जाते

नगर निगम के अधिकारी सिर्फ यह जानकारी देते है कि उन्होंने किन सड़कों का पेचवर्क कराया है। जबकि निगमायुक्त के साफ निर्देश है कि जिन क्षेत्रों में पेचवर्क कराया जा रहा है, वहां पर अधिकारी खुद मौके पर जाकर गुणवत्ता को देखे। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। अधिकारी अपने आप को बचाने के लिए सिर्फ सड़कों के फोटो खिंचवाकर निगमायुक्त को दिखा देते है।

नेताओं के आने पर रातों-रात होता है पेचवर्क

-शहर में जब भी कोई वीवीआईपी या किसी भी पार्टी के नेताओं का आगमन होता है, तो नगर निगम रातों रात सड़कों को चमका देते है।

-अगर यही कार्य पेचवर्क के लिए किया जाए, तो शहरवासियों को काफी राहत मिलेगी।

-मंत्रियों के निरीक्षण के बाद भी शहर की सड़कों की हालत नहीं सुधरी है।

इनका कहना है

नगर निगम जनता को दिखना चाहता है कि वह पेचवर्क करवा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि न तो सड़कों पर ठीक तरह से पेचवर्क हो रहा है न ही गड्ढे भरे जा रहे हंै। पेचवर्क के नाम पर सिर्फ पैसों की बर्बादी हो रही है।

चतुर्भुज धनौलिया, पूर्व पार्षद

रात के समय ही पेचवर्क होना चाहिए। दिन के समय जो पेचवर्क किया जाता है उस पर ठीक तरह से रोलर नहीं चलाया जाता है। वहीं पेचवर्क के बाद तुंरत वाहन निकलते रहते हैं, जिससे वह पूरी तरह सेट नहीं होता है। नगर निगम को अच्छी गुणवत्ता के साथ पेचवर्क करना चाहिए।

धर्मेन्द्र कुशवाह, पूर्व पार्षद

Updated : 13 Oct 2021 1:00 AM GMT
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