राजा मानसिंह संगीत विश्विद्यालय में हुई वर्कशॉप, छात्रों ने सीखे तबले के गुर

ग्वालियर। राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्विद्यालय में कत्थक नृत्य विभाग द्वारा फेसबुक के माध्यम से ऑनलाइन व्याख्यान एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में दिल्ली एवं बनारस घराने से जुड़े तबला वादक पंडित मिथलेश कुमार झा ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
तबले पर प्रयोगात्मक प्रदर्शन दिया -
मिथलेश कुमार झा ने नृत्य से संबंधित बोलो का तबले पर प्रयोगात्मक प्रदर्शन दिया साथ ही छात्र एवं छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दिया जिसमें उन्होंने झपताल की तिहाई जिसके बोल- "तक घिन तकित, तक घिन तकित, तक घिन तकित, तक तकित तक तकित तक तकित धा..। लयकारी बताते हुए उन्होंने आड़ को तिस्र जाति से, कुआढ़ को खंड जाति से, वियाड़ को मिश्र जाति से जोड़ा | इसके अलावा तीन ताल मे एक तिहाई बतलाई जिसके बोल- "ता थेई तत, आ थेई तत, थेई थेई तत, तथेई तत थेई, तथेई तत थेई, तथेई तत थेई. चक्रदार" | 9 मात्रा में एक आवर्तन में तिहाई जिसके बोल- "धति धा, धति धा धति धा आ आ"..., के तीन प्रकार बताएं |
उनका अपने व्याख्यान में बताया कि तबले में एक ही बोल को बार-बार रिपीट नहीं करना चाहिए उन दोनों को अलग तरीके से भरने की कोशिश करनी चाहिए जिससे बोलो मे खूबसूरती बढ़ जाती है |उन्होंने छात्रों की फरमाइश पर जयपुर घराने में प्रयुक्त होने वाले विशिष्ट बोलो मे कायदे के पांच पलटे, तिहाई भी बतलाई | कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अंजना झा विभागाध्यक्ष, कथक नृत्य विभाग ने की। डॉ झा ने कार्यक्रम के अंत मे कुलपति शिव शेखर शुक्ला का आभार व्यक्त किया |
