स्टाफ की कमी से जूझ रहा एक हजार बिस्तर का अस्पताल

स्टाफ की कमी से जूझ रहा एक हजार बिस्तर का अस्पताल
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जगह-जगह पसरी गंदगी, चिकित्सक भी परेशान



ग्वालियर, न.सं.। नवनिर्मित एक हजार बिस्तर को जहां शुरू कर दिया गया है। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण अस्पताल परिसर की सफाई व सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट होती जा रही है। जिस कारण मरीजों के साथ ही चिकित्सकों को भी परेशान होना पड़ रहा है।

दरअसल जयारोग्य में मरीजों के बढ़ते भार को देखते हुए पॉटरीज की जमीन पर एक हजार बिस्तर के अस्पताल का निर्माण कराया गया है। उक्त अस्पताल में माधव डिस्पेंसरी में संचालित अधिकांश विभाग की ओपीडी शिफ्ट कर दी गई है। इसके अलावा सर्जरी, मेडिसिन, रेडियोलॉजी, चर्म रोग, मनोरोग, हड्डी रोग विभाग के अलावा अन्य विभागों को भी शिफ्ट कर दिया गया है। साथ ही अस्पताल में मरीज भी भर्ती हो रहे हैं। लेकिन नए अस्पताल को शुरू हुए अभी दो माह पूरे भी नहीं हुए हैं और सफाई व सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। अस्पताल परिसर में सफाई कर्मचारियों के अभाव में नियमित सफाई तक नहीं की जा रही है। इसके अलावा शैचालयों की में सफाई नियमित न होने से दुर्गंध पसरी हुई है। इतना ही नहीं चिकित्सकों के ओपीडी कक्ष में भी कचरा लगा रहता है। जिसको लेकर मरीजों के अलावा चिकित्सक भी परेशान हैं। उसके बाद भी शासन द्वारा नए अस्पताल को चलाने के लिए स्टाफ उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जबकि गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा कई बार शासन को मांग पत्र भी भेजे जा चुके हैं।

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600 स्टाफ का भेजा प्रस्ताव

महाविद्यालय द्वारा नए अस्पताल को संचालित करने के लिए 600 के स्टाफ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसमें सफाई-सुरक्षाकर्मी, ऑपरेशन सहित अन्य स्टाफ शामिल है। लेकिन उक्त प्रस्ताव पर शासन से अभी तक स्वीकृति ही नहीं मिल सकी है।

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पूछताछ केन्द्र से भी जूझ रहा अस्पताल

अस्पताल स्टाफ के अलावा पूछताछ केन्द्र की कमी से भी जूझ रहा है। क्योंकि अस्पताल में पहुंच रहे मरीजों की मदद करने के लिए कोई भी पूछताछ केन्द्र स्थापित नहीं है। ऐसे में अगर मरीज को नए अस्पताल के भवन में जांच से लेकर चिकित्सक को दिखाने तक के लिए भटकना पड़ता है। क्योंकि भवन इतना बड़ा है कि मरीजों को खुद ही नहीं पता होता कि कौन सा विभाग किस जगह संचालित हो रहा है।

वर्जन

अस्पताल को संचालित करने के लिए स्टाफ की मांग शासन से की गई है। स्टाफ मिलने के बाद सफाई व सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हो जाएगी।

डॉ. अक्षय निगम

गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय

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