प्रदूषण फैलाने वालों पर अब दिखाई सख्ती, अधिकारी उतरे मैदान में

ग्वालियर,न.सं.। शहर की हवा खराब होते ही अब प्रशासनिक अधिकारियों के साथ निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी मैदान में उतर आए है। शायद यही कारण है कि शहर में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन, प्रदूषण बोर्ड एवं नगर निगम के संयुक्त तत्वाधान में शहर भर में विभिन्न स्थानों पर बड़ी कार्यवाही की गई। जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह, निगमायुक्त हर्ष सिंह जब शहर के विभिन्न क्षेत्रों में निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें कई जगह निर्माणाधीन बहुमंजिला भवनों से धूल उड़ती दिखाई दी। इस दौरान न्यूट्रिक कंसट्रक्शन पर एक लाख, रेशम गुलाब चन्द्र, ओहदपुर मार्ग पर75 हहजार एवं डॉ. शैलेन्द्र सिंह, जलालपुर रोड पर 50 हजार का जुर्माना लगाया गया।
इसी प्रकार मल्टीलेवल पार्किंग महाराज बाड़ा के निर्माण कार्य को बंद कराकर समुचित प्रबंध करने एवं एयरपोर्ट पर डस्ट प्रबंधन करने के लिए संबंधितों को निर्देश दिए गए। साथ ही पुराना पुलिस थाना जनकगंज के डिस्मेंटल किए जा रहे कार्य को बंद करवाया गया। कार्यवाही में नगर निगम द्वारा लगभग 4,92,000 का जुर्माना किया गया है। एवं ग्रीन नेट से भवनों को ढका गया। जिसका परिणाम यह निकला है 4 एक्यूआई मॉनीटरिंग स्टेशन में से 3 पर वायु गुणवत्ता के आंकड़ों में सुधार देखा गया है।
कचरा जलाने वालों पर भी की गई जुर्माने की कार्यवाही
उपायुक्त अमर सत्य गुप्ता के निर्देशन में प्रदूषण नियंत्रण के लिए शहर में विभिन्न स्थानों पर अभियान चलाकर कार्यवाही की गई। जिसमें कचरा जलाने वालों एवं अन्य प्रकार से प्रदूषण फैलाने वालों की लगभग 87 रसीदें काटकर 43 हजार रूपए का जुर्माना किया गया। इसके साथ ही फूलबाग क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पुलिस विभाग के सहयोग से लगाए गए जांच प्रदूषण जांच शिविर वाहनों की जांच कर प्रदूषण फैला रहे वाहनेां से लगभग 38 हजार रूपये का जुर्माना किया।
एनजीटी ने दिए हैं निर्देश
ज्यादा धुआं और पटाखों की रोकथाम के लिए एक मामले की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने आदेश दिए कि जहां प्रदूषण ज्यादा है, वहां आतिशबाजी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यहां सिर्फ दो घंटे के लिए ग्रीन पटाखे चलाए जाएंगे, जिसके लिए भी जिले के कलेक्टर से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। एनजीटी ने कलेक्टरों के अलावा शासन को निर्देशित किया है कि ज्यादा धुआं और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की बिक्री को रोका जाए।
