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स्वच्छता सर्वे में अब रेड स्पॉट भी शामिल, थूके तो गिरेगी रैंकिंग

अब पहले से ज्यादा कठिन परीक्षा, सडक़, सार्वजनिक भवन की दीवारों पर गुटखे के धब्बे मिले तो कटेंगे नंबर,

स्वच्छता सर्वे में अब रेड स्पॉट भी शामिल, थूके तो गिरेगी रैंकिंग
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ग्वालियर,न.सं.। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 नगरीय निकायों के लिए अब और ज्यादा मेहनत भरा होने वाला है। एक तरफ जहां इस साल का सर्वेक्षण पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण में 2000 अंक ज्यादा यानी 9500 अंकों का होगा और इस बार सर्वेक्षण की थीम भी कचरे से समृद्धि रखी गई है। इसमें कचरे से शहर को समृद्ध बनाने के काम देखे जाएंगे। 3-आर यानी रिसाइकल, रियूज और रिड्यूज के सिद्धांत पर काम किया जाएगा। शहरी स्वच्छता को लेकर भी सडक़ों व सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा, पानी की पीक के लाल धब्बे मिलने पर इसे रेड स्पॉट में शामिल कर नंबर काटे जाएंगे।थीम के अनुरूप ही इस बार 48 प्रतिशत यानी 4525 अंक अकेले सर्विस लेवल प्रोग्राम यानी कूड़े को लेकर सेग्रीग्रेशन, प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर आधारित रहेंगे। 27 प्रतिशत यानी 2500 अंक सर्टिफिकेशन के होंगे और 25 प्रतिशत यानी 2475 अंक सिटीजन वॉइस के होंगे।

ऐसी होगी प्रक्रिया

स्वच्छता पोर्टल पर स्वच्छ सर्वेक्षण संकेतों के अंतर्गत नगरीय निकाय मे दर्ज की गई जानकारी और स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान विभिन्न घटकों में नगरीय निकायों के अपलोड किए गए दस्तावेजों के आधार पर।

  • -मूल्यांकनकर्ताओं को प्रत्यक्ष अवलोकन के माध्यम से एकत्रित किया गया डाटा। -स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान विभिन्न घटकों में नगरीय निकायों के अपलोड किए गए दस्तावेजों के आधार पर।
  • -नागरिकों के फीडबैक और सत्यापन के माध्यम से एकत्रित की गई जानकारी शामिल होगी।

यह किए हैं नए बदलाव

प्रेरक दौड़ सम्मान में इस वर्ष एक श्रेणी को कम कर दिया है। इस साल यह सम्मान सिर्फ प्लैटिनम, गोल्ड, सिल्वर और ब्राउंस श्रेणियों में दिया जाएगा। प्लेटिनम श्रेणी के लिए 7 स्टार और वाटर प्लस श्रेणी के निकाय पात्र होंगे। गोल्ड के लिए 5 स्टार और ओडीएफ डबल प्लस, सिल्वर के लिए तीन स्टार और ओडीएफ प्लस तथा ब्राउंस श्रेणी के लिए एक स्टार और ओडीएफ होने की अनिवार्यता रखी है।

तीन माध्यमों से एकत्र होगी जानकारी

जमीनी परीक्षण के दौरान विशेषज्ञ टीम वास्तविक स्थिति के मूल्यांकन के लिए तीन माध्यमों से जानकारी एकत्रित करेगी। इसके आधार पर मूल्यांकन एजेंसी टूलकिट में वर्णित निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए डाटा और दस्तावेजों को एकत्रित कर व्यवस्थित रूप से विश्लेषण करेगी।

36 करोड़ की राशि मंजूर

शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन-2 के तहत नगर निगम ग्वालियर को 36 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। इसमें निगम की लैंडफिल साइट पर मौजूद कचरे के निस्तारण के लिए 33 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस राशि से सालिड वेस्ट को जिले की खदानों के गड्ढे भरने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि बाकी कचरे का ट्रीटमेंट किया जाएगा। नगर निगम को मार्च 2023 तक यह राशि खर्च कर काम करने होंगे। इसके अलावा शहर में पूरे साल आईईसी एक्टिविटी के संचालन के लिए तीन करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।

कुछ कैटेगरी के अंक घटाए तो कुछ के बढ़ाए

  • पृथक्कृत डोर-टू-डोर कलेक्शन के लिए 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत तक कर दिया।
  • प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अंक 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किए।
  • सिटीजन वॉइस घटक के स्वच्छ वार्ड संकेतक के अंतर्गत अंक 1 प्रतिशत बढ़ाकर 13 प्रतिशत किए गए।
  • 2 प्रतिशत के साथ वेस्ट टू वंडर पार्क पर संकेतक जोड़ा गया।
  • स्वच्छता एप संकेतकों के अंतर्गत एलो स्पोट्र्स के लिए अंक 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत किए गए।
  • जीरो वेस्ट इवेंट के अंक 2 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक कर सेवा स्तर प्रगति में स्थानांतरित कर दिया गया है।
  • नया संकेतक जोड़ा है, जिसके अंतर्गत एनसीसी कैडेट्स, एनवाईकेएस, एनएसएस संगठनों को स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर बने स्मारकों और पार्कों की साफ-सफाई और रख-रखाव के लिए शामिल किया जाएगा।
  • स्वच्छता घटक के लिए दिव्यांग अनुकूल शौचालयों के लिए अंक 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत किया गया।

स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर तैयारियां शुरु कर दी गई है। इसमें सभी का सहयोग लिया जाएगा। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वह अपने अपने क्षेत्रों में अभी से स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियां करें

किशोर कान्याल

निगमायुक्त

Updated : 12 Nov 2022 7:44 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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